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Karnataka: दिल्ली पहुंचेंगे डीके शिवकुमार, कहा- आलाकमान करेगा CM पर फैसला, मेरा मकसद लोगों की सेवा करना

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। कर्नाटक में कांग्रेस को जबरदस्त बहुमत मिली है। अब कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर माथापच्ची जारी है। इन सबके बीच कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद की रेस में दो नाम शामिल हैं। एक और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया है तो दूसरी और कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार। सिद्धारमैया पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं जबकि डीके शिवकुमार भी अब दिल्ली रवाना होने वाले हैं। इन सबके बीच दोनों ही नेताओं का दावा है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला आलाकमान करेगा। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि हमने एक सिंगल लाइन रिजॉल्यूशन पास किया है। हमारे पास 135 विधायक हैं, सभी ने एक स्वर में मामला (मुख्यमंत्री नियुक्त करने का) पार्टी आलाकमान पर छोड़ा है। 
 

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शिवकुमार ने कहा कि मेरा मकसद कांग्रेस पार्टी के जरिए कर्नाटक की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि आज मेरा जन्मदिन है, मैं अपने परिवार से मिलूंगा। उसके बाद, मैं दिल्ली के लिए निकल जाऊंगा। उन्होंने कहा कि मैं अकेला आदमी हूं, मैं एक बात में विश्वास करता हूं कि साहस वाला अकेला आदमी बहुमत बन जाता है। जब हमारे सभी विधायकों ने पार्टी छोड़ दी (2019 जद (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार), तो मैंने अपना दिल नहीं छोड़ा। कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने को लेकर नवनिर्वाचित विधायकों की राय जानने के बाद अब तीनों पर्यवेक्षक जल्द ही पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे और ऐसे में पूरी निगाहें पार्टी आलाकमान पर टिक गई हैं। 
 

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कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। तीनों पर्यवेक्षकों ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से अलग-अलग बात कर उनकी राय जानी। तीनों पर्यवेक्षकों ने बेंगलुरु के एक निजी होटल में रविवार रात कई घंटे तक विधायकों के साथ बातचीत की और अगले मुख्यमंत्री को लेकर गोपनीय मतदान भी कराया गया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कुछ विधायकों ने विधायक दल की बैठक के दौरान पर्यवेक्षकों के साथ मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी पसंद बताई, हालांकि विधायक सबके सामने अपनी पसंद बताने में झिझक रहे थे, जिसके बाद उन्हें लिखित रूप से अपनी राय बताने के लिए कहा गया। 

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