नयी दिल्ली। कर्नाटक सरकार ने सूखा प्रबंधन के लिए राज्य को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से आर्थिक सहायता देने का केंद्र सरकार को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। याचिका में यह भी घोषित करने का अनुरोध किया गया है कि केंद्र का एनडीआरएफ के मुताबिक सूखा प्रबंधन के लिए वित्तीय मदद न देने का कदम संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत प्रदान किए गए राज्य के लोगों के मौलिक अधिकारों का ‘‘प्रथम दृष्टया उल्लंघन’’ है।
इसमें कहा गया है कि राज्य ‘‘गंभीर सूखे’’ की चपेट में है जिससे उसके लोगों की जिंदगी पर असर पड़ रहा है और 2023 के खरीफ मौसम के लिए कुल 236 में से 223 तालुक को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। याचिका में कहा गया है कि 196 तालुक को गंभीर रूप से प्रभावित श्रेणी में रखा गया है तथा बाकी के 27 तालुक मध्यम रूप से प्रभावित श्रेणी में हैं। इसमें कहा गया है कि एनडीआरएफ के तहत भारत सरकार से 18,171.44 करोड़ रुपये की मदद मांगी गयी है।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार ने केंद्र को गंभीर सूखे से जूझ रहे राज्य को एनडीआरएफ के तहत निधि तुरंत जारी करने का निर्देश देने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कर्नाटक को निधि जारी नहीं कर रही है जो कि गंभीर सूखे की चपेट में है। उन्होंने कहा कि इसके कारण राज्य सरकार को उच्चतम न्यायालय का रुख करना पड़ा है।