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कर्नाटक के मंत्री बी नागेंद्र ने दिया इस्तीफा, करोड़ों के घोटाले का आरोप

कर्नाटक के अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र ने राज्य सरकार के एक कर्मचारी की आत्महत्या के बाद सामने आए 187 करोड़ रुपये के अवैध धन हस्तांतरण घोटाले में अपना नाम सामने आने के बाद गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी की 26 मई को आत्महत्या से मृत्यु हो गई, उन्होंने घोटाले के लिए अपने वरिष्ठों और मंत्री को जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने कहा कि चंद्रशेखरन ने डेथ नोट में अपने वरिष्ठों और मंत्री का नाम लिया और यह भी बताया कि उन्हें उनके सहयोगियों द्वारा ‘परेशान’ किया गया था, जिन्होंने कथित तौर पर व्यक्तिगत लाभ के लिए धन के दुरुपयोग के लिए उनका इस्तेमाल किया था। 

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इससे पहले नागेंद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से मुलाकात की। पार्टी को शर्मिंदा नहीं करना चाहते, वह (नागेंद्र) स्वेच्छा से आगे आए और इस्तीफा दे दिया। हमने उनसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा। शिवकुमार ने यह भी कहा कि नागेंद्र सीबीआई समेत किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। आत्महत्या के बाद राज्य में राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है और भाजपा ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। कर्नाटक बीजेपी प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता दलितों और आदिवासी समुदायों के लिए काम करने की आड़ में भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

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इससे पहले पुलिस ने तीन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने (आईपीसी धारा 306) के तहत एफआईआर दर्ज की थी। मामले की आगे की जांच जारी है। 

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