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कर्नाटक : विशेष अदालत ने कुमारस्वामी के खिलाफ निजी शिकायत खारिज की

सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए गठित एक विशेष अदालत ने जनता दल (सेक्युलर) नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी के खिलाफ एक निजी शिकायत खारिज कर दी है।
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन पत्रके साथ दाखिल हलफनामा में कुमारस्वामी ने अपनी दूसरी पत्नी राधिका कुमारस्वामी, बेटे निखिल कुमारस्वामी और बेटी शमिका कुमारस्वामी को लेकर गलत जानकारी दी थी।
शिकायत में कहा गया कि गलत जानकारी देना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 181 (शपथ लेकर गलत बयान देना) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 ए (जानकारी देने में असफल होना या गलत जानकारी देना) के तहत अपराध है।

शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कुमारस्वामी ने इन तीन व्यक्तियों की जानकारी नहीं दी।
विशेष अदालत की न्यायाधीश प्रीथ जे. ने अपने हालिया फैसले में कहा, ‘‘शिकायत से यह पता चलता है कि आरोपी ने अपने हलफनामे में कोई गलत बयान नहीं दिया है। शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी ने उक्त जानकारी नहीं दी है। गलत बयान देना और जानकारी का खुलासा न करना अलग-अलग बाते हैं। इस प्रकार, आईपीसी की धारा 181 के तहत यह नहीं कहा जा सकता है कि आरोपी ने कोई अपराध किया है।’’
अदालत ने यह भी कहा कि धारा 181 के तहत मामले में कार्रवाई करने केलिए लिखित शिकायत संबंधित लोक सेवक या ऐसे लोकसेवक, प्रशासनिक रूप से जिसके वह अधीनस्थ है, उसके द्वारा दी जानी चाहिए।

अदालत ने कहा कि जहां तक जन प्रतिनिधि अधिनियम की धारा 125ए का सवाल है, राधिका कुमारस्वामी के कुमारस्वामी की पत्नी होने के कोई सबूत नहीं हैं।
अदालत ने कहा कि यह साबित करने के लिए कोई दस्तावेज या सबूत नहीं है कि राधिका कुमारस्वामी, आरोपी की पत्नी या आरोपी की दूसरी पत्नी है, जैसा कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है।
इसके साथ ही अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने निजी शिकायत खारिज कर दी।

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