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देश में पिछड़ों के सबसे बड़े नेता रहे जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर को जेडीयू के कोटे से एनडीए की मंत्रीपरिषद में शामिल किया गया है। सरकार में वे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का कार्यभार बतौर राज्यमंत्री संभालेंगे। रामनाथ ठाकुर जेडीयू के राज्यसभा सांसद हैं और बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं। वह पिछड़े समाज से आते हैं और उनके पिता कर्पूरी ठाकुर भी पिछड़े समाज के बड़े नेता थे। कर्पूरी ठाकुर को कुछ समय पहले ही भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
रामनाथ ठाकुर जेडीयू के एक जाने-माने नेता हैं, जिनका जन्म 3 मार्च 1950 को हुआ था। वे 74 साल के हो चुके हैं। नाई जाति से आने वाले रामनाथ ठाकुर बिहार के समस्तीपुर जिले से आते हैं। बिहार में उनकी पहचान का एक और महत्वपूर्ण पहलू उनके पिता कर्पूरी ठाकुर हैं, जिन्हें इसी साल केंद्र सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया है। रामनाथ ठाकुर बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे और लालू प्रसाद की सरकार में चीनी उद्योग मंत्री रहे। नवंबर 2005 से नवंबर 2010 तक वे नीतीश कुमार की कैबिनेट में राजस्व एवं भूमि सुधार, कानून और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री रहे। समय के साथ वे नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद नेताओं में से एक बनकर उभरे।
वर्ष 2014 में जदयू ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया था। इस टर्म के खत्म होने के बाद पुन: अप्रैल 2020 में जदयू ने रामनाथ ठाकुर को राज्यसभा भेजा। अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले रामनाथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पसंद हैं। नीतीश कुमार की सरकार में वर्ष 2005 के नवंबर में वह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री बने। बाद में उन्होंने विधि व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री का कामकाज भी संभाला।
राजद के कार्यकाल में गन्ना उद्योग मंत्री थे। वर्ष 1988 में वह बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। रामनाथ ठाकुर का नीतीश कुमार से करीबी रिश्ता है। अपने पिता कर्पूरी ठाकुर की तरह वे अति पिछड़ी जातियों में अपनी पैठ बनाए हुए हैं। इसके अलावा, वे अन्य पिछड़ी जातियों पर भी अपनी पकड़ रखते हैं। बिहार में अति पिछड़ी जातियों की करीब 2 फीसदी आबादी किसी भी उम्मीदवार के राजनीतिक सफर को प्रभावित करने की ताकत रखती है। अपने समर्पण और राजनीतिक जीवन के माध्यम से, रामनाथ ठाकुर ने खुद को बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।