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Kartavyapath : विश्व पटल पर उभरता एक नया भारत, गुंजायमान हिंदुस्तान

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर राजकीय अमेरिकी यात्रा पर पहुंचे जहां दोनों नेताओं के बीच 22 जून को ऐतिहासिक शिखर वार्ता हुई थी। इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन ने भी गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में डिनर का आयोजन किया था। ये पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी किसी विदेशी नेता के साथ अपने पन के साथ मिले हों। इससे पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी की दोस्ती क्वॉड बैठक के दौरान देखने को मिली थी। इस दौरान जो बाइडेन पीएम मोदी से आकर गले मिले थे। इससे पहले जब पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर गए थे तब भी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीस ने एक सार्वजनिक बैठक में पीएम मोदी को ‘द बॉस’ कहा था, जिससे साफ है कि पीएम मोदी का वैश्विक नेताओं में कद काफी ऊंचा है। पीएम मोदी जब पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी पहुंचे थे तो वहां उनका स्वागत प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने पैर छूकर किया था जिसने काफी सुर्खियां बटोरी थी। ये तमाम वो घटनाएं हैं जो विश्व मानचित्र पर भारत की बढ़ती ताकत और रूतबे को दर्शाता है।

20वीं सदी में बने संस्थान 21वीं सदी की व्यवस्था के अनुरूप नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 की बैठक में कहा यह सोचने की बात है कि हमें शांति और स्थिरता की बातें अलग-अलग फोरम में क्यों करनी पड़ रही है। संयुक्त राष्ट्र जिसकी शुरुआत ही शांति स्थापित

करने की कल्पना से की गई थी, आज विवाद रोकने में सफल क्यों नहीं होता। संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद की परिभाषा तक मान्य नहीं हो पाई है। इन सब बातों से एक बात स्पष्ट होती है कि पिछली सदी में बनाये गए इंस्टीट्यूशन्स 21वीं सदी की व्यवस्था के अनुरूप नहीं है। इसलिए जरूरी है कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बड़े इंस्टीट्यूशन्स में सुधार किया जाए। इनको ग्लोबल साउथ की आवाज भी बनना होगा। वरना हम संघर्षों को खत्म करने पर सिर्फ चर्चा ही करते रह जाएंगे। 

इंडो पैसिफिक की सुरक्षा के लिए अहम
क्वॉड की बैठक आमतौर पर शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करती है जो इस बार जापान के हिरोशिमा में हुई थी। क्वॉड बैठक इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक व्यापार, इनोवेशन और विकास का इंजन है। इस संबंध में पीएम मोदी ने कहा कि इंडो-पैसिफिक की सुरक्षा और सफलता न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद से मुकाबला जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक सहयोग बढ़ा है। इस बार की क्वाड बैठक पूरे क्षेत्र के समावेशी और जन-केंद्रित विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा का मौका है। क्वॉड बैठक में समावेशी और जन केंद्रित विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा की जाती है। क्वाड बैठक में वैश्विक भलाई, शांति, समृद्धि और मानव कल्याण की बातें होती है।

WHO की भूमिका होगी अहम
इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा की यात्रा के दौरान कहा कि बीते 75 वर्षों में विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से स्वास्थ्य के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और ये भी कहा कि आगामी 25 वर्षों में WHO की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण होगी। कोविड-19 महामारी के दौरान विश्व में स्वास्थ्य व्यवस्था में उपस्थित कमियां भी उजागर हुई है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने 100 से अधिक देशों को कोविड-19 टीकों की लगभग 30 करोड़ खुराकें भेजी हैं।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को बोला था द बॉस
आस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित एक भव्य सामुदायिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज साथ आए और प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत करते हुए पीएम मोदी की तारीफ की और सार्वजनिक तौर पर उन्हें ‘द बॉस’ कह कर संबोधित किया। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह संबोधित किए जाने पर हजारों प्रवासी भारतीयों के अलावा देश के करोड़ों लोग गौरवान्वित हुए थे। 

जापान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण
पीएम मोदी ने जापान के हिराशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया है। भारत और जापान के बीच दोस्ती और सद्भावना के प्रतीक के तौर पर महात्मा गांधी की 42 इंच लंबी कांस्य की प्रतिमा हिरोशिमा शहर को भेंट की गई। मोतोयासु नदी से सटे स्थल पर इस प्रतिमा को लगाया गया है जिसे पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित राम वनजी सुतार ने तैयार किया है।

कई वैश्विक नेताओं से हो चुकी है मुलाकात
बता दें कि पीएम मोदी इतने वर्षों के दौरान कई वैश्विक नेताओं के साथ भी मुलाकात कर चुके है। इसमें जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस हापकिंस, फिजी गणराज्य के प्रधानमंत्री सत्वेनीलि गामादा राबुका, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डासिल्वा, यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, यूक्रेन के राष्ट्रपति बलोडिमिर जेलेंस्की, फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, वियतनाम के प्रधानमंत्री फाममिन्ह चिन्ह और कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति यूनसुक येओल का नाम मुख्य रूप से शामिल है। विभिन्न देश के इन नेताओं से से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई और द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई है। 

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