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Kartavyapath : Dhordo को मिला Best Tourism Village का खिताब, रण उत्सव के लिए है विश्व भर में प्रसिद्ध

गुजरात का कच्छ जिला अपने सफेद रण के लिए तो मशहूर है ही, मगर अब कच्छा का धोरडो गांव भी बेहद प्रसिद्ध हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन ने धोरडो गांव को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव की सूची यानी बेस्ट टूरिज्म विलेज की लिस्ट में शामिल किया है। भारत का यह इकलौता गांव है जो इस सूची में जगह पाने में सफल हुआ है। ये भारत के सुंदर प्राकृतिक स्थल में से एक है।
विश्व पर्यटन संगठन के बयान की माने तो वर्ष 2021 में कई गांव के सम्मान की पहल की शुरुआत की गई थी। इसी तरीके जरिए ग्रामीण विकास पर्यटन कार्यक्रम को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए, जनसंख्या में गिरावट को रोका जाए, पर्यटन के जरिए मूल्य श्रृंखला एकीकरण की प्रक्रियाओं को उत्साहित किया जाए। विश्व पर्यटन संगठन ने इस वर्ष सर्वाधिक गांव को इस सूची में शामिल किया है। बता दे की सबसे अधिक गांव जापान के हैं उसके बाद चीन, पुर्तगाल और पेरू का नंबर आता है।
 
संगठन सूची में गांव को शामिल करने के लिए कई बातों को ध्यान में रखता है। यह सम्मान मूल रूप से उन गांवों को दिया जाता है जहां ग्रामीण इलाकों का विकास, परिदृश्य और सांस्कृतिक विविधता, स्थानीय मूल्य के साथ खानपान की परंपराओं को संरक्षित किया जाता है। आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष इस सूची में शामिल करने के लिए कुल 260 गांव का नामांकन आया था जिनमें से 54 गांव का चयन किया गया है।
 
सफेद रेगिस्तान में पर्यटकों का जमावड़ा
भुज से लगभग 86 किलोमीटर दूर धोरड़ो गांव है, जिसकी आबादी महज 1000 है। यह गांव भारत-पाकिस्तान सीमा के बेहद करीब है। बता दें कि हर वर्ष अपने रण उत्सव कि वैश्विक आयोजन के लिए काफी प्रसिद्ध है। रण उत्सव का आयोजन हर वर्ष नवंबर में होता है। ऐसा आयोजन के दौरान धोरडो गांव में देश विदेश से हजारों लाखों पर्यटक आते हैं। इस रण उत्सव को एक सांस्कृति उत्सव माना जाता है जो पारंपरिक कला, संगीत, नृत्य और शिल्प को दर्शाता है।
 
पर्यटक खासतौर से इस रण उत्सव का हिस्सा बनने आते है। इस दौरान यहां सांस्कृतिक प्रदर्शन, लोक नृत्य एवं संगीत, ऊंट की सवारी, पारंपरिक हस्तशिल्प और स्वादिष्ट पारंपरिक एवं स्थानीय व्यंजन की भरमार होती है। रण उत्सव की खासियत है कि पहले ये उत्सव महज तीन दिन के लिए आयोजित किया जाता था मगर अब इसकी प्रसिद्धी को देखते हुए इसे 100 दिनों के आयोजन में बदल दिया गया है।  कच्छ के रण के बारे में बता दें कि यह नमक का एक दलदल है, जिसे वर्ष भर लाखों पर्यटक देखने आते है। दिन में ये गांव जितना खूबसूरत दिखता है तो रात की चांदी में भी यहां का नजारा बेहद मनमोहक होता है। गांव की खूबसूरती हर वर्ष लाखों लोगों को आकर्षित करती है। 
 
पीएम मोदी ने किया है खास विकास
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही कुछ वर्षों पहले धोरड़ो को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने का फैसला किया था, जो अब मूर्त रूप ले चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफेद रण को पर्यटन के लिए आकर्षक बनाने के लिए सर्दियों में यहां खास तौर से टेंट सिटी बनाई जाती है, जिसमें रण उत्सव होता है। इस टेंट सिटी को सफेद रण में बनाया जाता है, जहां बड़े मैदान पर 400 तंबू लगाए जाते है। इस वर्ष रण उत्सव की शुरुआत 10 नवंबर 2023 से हो चुकी है जो कि 25 फरवरी 2024 तक चलने वाला है।

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