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भारत में हर वर्ष दीपोत्सव यानी दिवाली युगों पूर्व श्रीराम की लंका विजय की स्मृति में मनाया जाता है। दीपोत्सव अब सिर्फ दिवाली ही नहीं बल्कि अयोध्या में होने वाला विशाल, भव्य कार्यक्रम भी है, जो हर संस्करण में कीर्तिमान गढ़ता है। इस वर्ष प्रभु श्रीराम की अयोध्या नगरी में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाना है, जिसमें कई कीर्तिमान गढ़े जाते है। राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है जहां भव्य राम मंदिर और राम नगरी अयोध्या को दिव्यता मिलने जा रही है। राम मंदिर में ही 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राम लला का विग्रह नवनिर्मित मंदिर के गर्भ गृह में स्थापना होगी। इस वर्ष दिवाली पर अयोध्या के घाटों पर 24 लाख दियों को एक साथ जलाया गया और अयोध्या के दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाया गया। ये खास आयोजन राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह के 51 घाटों पर हुए।
ऐसे में राम नगरी विजय उल्लास के साथ इस आयोजन को लेकर उत्साह देखने को मिला। इस वर्ष आयोजित हुआ ये सातवां दीपोत्सव कार्यक्रम भव्यता लिए हुए था। इस दौरान अयोध्या शोध संस्थान ने भी कई कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया गया। इस भव्य दीपोत्सव का आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से किया गया। संस्थान की तरफ से विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन भी हुए। दीपोत्सव के इस खास मौके पर अयोध्या में तीन दिवसीय भव्य रामलीला का आयोजन भी किया गया, जिसमें देश से ही नहीं विदेश के भी कलाकार रामलीला का मंचन करने पहुंचे।
इस दीपोत्सव कार्यक्रम के संबंध में अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक लवकुश द्विवेदी ने भी जानकारी दी थी कि कार्यक्रम में भव्य शोभायात्रा, रामलीला झांकी, स्थानीय, प्रादेशिक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राम लीलाएं आयोजित की गई। इसके अलावा रामायण मेले का कार्यक्रम आयोजन हुआ। सभी कार्यक्रम अयोध्या शोध संस्थान की ओर से आयोजित हुए।
अयोध्या की ये दीवाली और दीपोत्सव कार्यक्रम कई मायनों में खास रहा है। इस दौरान दर्शाई गई रामलीला में चार देश रूस, श्रीलंका, सिंगापुर एवं नेपाल के कलाकारों की ओर से रामलीलाओं का मंचन किया गया। वहीं देश के कुल 21 प्रदेशों की रामलीला, रामायण परंपरा पर आधारित लोक प्रस्तुतियां भी आयोजित हुई, जिसमें हिस्सा लेने के लिए लगभग ढ़ाई हजार कलाकार अयोध्या पहुंचे। अयोध्या स्थित राम कथा पार्क के मुख्य मंच पर सायंकालीन विदेशी रामलीला से इसका शुभारंभ हुआ। देश-विदेश के लगभग ढाई हजार कलाकारों का इसमें संगम देखने को मिला।
अयोध्या में आयोजित हुए इस भव्य दीपोत्सव के अलावा वैश्विक राम विषयक रामायण प्रदर्शनी का भी आयोजन हुआ। इसके साथ ही 125 फीट लम्बे कैनवास पर अवध के राम का चित्रांकन भी किया गया। अगर दीपोत्सव की बात करें तो ये आयोजन हमेशा से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए बेहद खास रहा है। इसके पहले संस्करण में राम की पैड़ी पर एक लाख 87 हजार दीप एक साथ जलाकर रिकॉर्ड बनाया गया था। इसके बाद हर संस्करण में इतने दिए प्रज्वल्लित किए गए की इस आयोजन ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपनी जगह बनाई। हर संस्करण में दीयों की संख्या बढ़ती गई और नए रिकॉर्ड कीर्तिमान स्थापित किए गए। इस वर्ष भी 24 लाख दीये जलाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है।