कश्मीर में युवतियों के बीच जीवन में कुछ कर दिखाने, अपनी अलग पहचान बनाने और अपने सपनों को पूरा करने की चाहत बढ़ती जा रही है। इस काम में लड़कियों को घरवालों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है जिससे उनके जीवन को एक नई दिशा मिल रही है। कश्मीर में इस समय दो लड़कियां सबके लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। इनके नाम हैं सैयद मिस्बा और सोहिला जहूर। सैयद मिस्बा कश्मीर की पहली मोटो व्लॉगर हैं। वह बचपन से ही बाइक चलाने का सपना देखती थीं। बड़ी होने पर यह सपना पूरा किया लेकिन लोगों की तमाम नकारात्मक प्रतिक्रियाओं से मन दुखी हुआ तो घरवालों ने साहस दिया जिसके चलते वह अपने सपने को नयी उड़ान देने में लग गयी हैं। श्रीनगर की रहने वाली मिस्बा का मानना है कि हर महिला को रूढ़ियों को तोड़ना चाहिए और वह करना चाहिए जो उन्हें पसंद है। 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली मिस्बा कभी पल्सर तो कभी एनफील्ड बाइक दौड़ाते हुए श्रीनगर की सड़कों पर देखी जा सकती हैं। प्रभासाक्षी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि यदि लड़कियों को प्रोत्साहन दिया जाये तो वह चमत्कार कर सकती हैं।
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वहीं गांदरबल की रहने वाली सोहिला जहूर भी बचपन से जब दूसरों को साइकिल, बाइक या गाड़ी चलाते हुए देखती थीं तो उन्हें भी लगता था कि वह भी इसे चलाएं। बड़ी हुईं तो भाई की मदद से साइकिल सीखी और उसके बाद तो साइकिल ऐसे दौड़ाने लगीं कि देखते ही देखते कई साइकिल दौड़ प्रतियोगिताओं में उन्होंने मेडल जीत लिये। अब वह ओलंपिक में साइक्लिंग प्रतियोगिता में भाग लेकर देश के लिए मेडल जीतना चाहती हैं। इसके लिए वह दिन-रात कड़ी मेहनत भी कर रही हैं। इस काम में उन्हें अपने घरवालों और स्कूल के शिक्षकों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।