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केजरीवाल बंगला विवाद: सीबीआई ने पीई दर्ज की, ‘आप’ ने प्रतिशोध का आरोप लगाया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नए सरकारी आवास के निर्माण के संबंध मेंदिल्ली सरकार के अज्ञात लोक सेवकों द्वारा कथित रूप से कीगई ‘ अनियमितता और कदाचार’ को देखने के लिए प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने किसी भी तरह का गलत काम करने से इनकार किया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘आप’ को खत्म करने के लिए अपनी सारी शक्ति का इस्तेमाल’ करने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने दिल्ली सरकार के अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ पीई दर्ज की है।
पीई यह देखने के लिए दर्ज की जाती है कि क्या आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के वास्ते प्रथम दृष्टया कोई सामग्री है या नहीं।

सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सोमवार को पत्र लिखकर उससे आवास से संबंधित रिकॉर्ड मांगे हैं जिनमें बदलाव के संबंध में उसके अधिकारियों की सिफारिश और मंजूरी, निविदा दस्तावेज़, ठेकेदारों द्वारा लगाई गई बोली, भवन योजना को मंजूरी और मॉड्यूलर रसोईघर, मार्बल का फर्श और अन्य सजावटी कार्य जैसी बेहतर विशिष्टताओं के लिए ग्राहक से अनुरोध शामिल हैं।
एजेंसी ने पीडब्ल्यूडी से ठेकेदार एके बिल्डर्स और परियोजना के सलाहकार को किए गए भुगतान से संबंधित रिकॉर्ड जमा करने को भी कहा। साथ में कई अन्य दस्तावेज़ भी मांगे हैं।
अप्रैल में कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया था कि केजरीवाल के सिविल लाइंस में छह फ्लैगस्टाफ रोड स्थित सरकारी घर में “अतिरिक्त निर्माण/परिवर्तन’ के लिए43.70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे जबकि खर्च 44.78 करोड़ रुपये किए गए।

दस्तावेज़ों के मुताबिक, यह पैसा नौ सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच छह किस्तों में खर्च किया गया।
मुख्यमंत्री आवास पर कथित फिजूलखर्ची को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने ‘आप’ पर हमला बोला था और कहा था कि केजरीवाल ने सत्ता में आने पर आम आदमी की तरह सामान्य घर में रहने का वादा किया था।
‘आप’ ने आरोप लगाया है कि यह घटनाक्रम अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी को लोगों के लिए काम करने से रोकने की भाजपा की कोशिश का हिस्सा है।
पार्टी का आरोप है, “यही वजह है कि देश के सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया।”
‘आप’ ने आरोप लगाया, “ भाजपा ‘आप’ को खत्म करने के लिए अपनी सारी शक्ति का इस्तेमाल कर रही है।”

पार्टी ने कहा, “सिर्फ ‘आप’ ही है जो स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अच्छे कार्यों के नाम पर लोगों से वोट मांगती है जबकि भाजपा नहीं चाहती है कि गरीब लोगों को अच्छी शिक्षा और बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें।”
‘आप’ ने कहा कि भाजपा अब सभी जांच एजेंसियों को लगाकरअरविंद केजरीवाल को घेरने की कोशिश कर रही है।
पार्टी ने कहा, “ उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ 50 से ज्यादा मामले दर्ज किए और जांच की लेकिन कुछ नहीं निकला। इससे (सीबीआई जांच से) भी कुछ नहीं निकलेगा।”
‘आप’ के सांसद संजय सिंह ने उस समय कहा था कि केजरीवाल का आधिकारिक आवास 1942 में बनाया गया था और इसकी छत तीन बार गिर चुकी थी।
उन्होंने कहा था कि छत गिरने की घटनाओं के बाद, पीडब्ल्यूडीने फिर से घर बनाने का सुझाव दिया और यह बनाया गया।

उन्होंने दावा किया था कि घर को फिर से बनानेपर 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
केजरीवाल 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बादसे सिविल लाइंस इलाके में स्थित छह फ्लैगस्टाफ रोड पर आधिकारिक आवास में रहे रहे हैं।
दस्तावेजों के मुताबिक, कुल खर्च में 11.30 करोड़ रुपये आंतरिक सज्जा, 6.02 करोड़ रुपये पत्थर और मार्बल फर्श, एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी, 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधी फिटिंग और उपकरण, 2.85 करोड़ रुपये अग्निशमन प्रणाली, 1.41 करोड़ रुपये वार्डरोब और एसेसरीज फिटिंग पर और किचन उपकरणों पर 1.1 करोड़ रुपये का खर्च शामिल है।
‘आप’ ने भाजपा राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए कहा, भाजपा चाहे कितनी भी जांच करा ले, केजरीवाल आम लोगों के हित में लड़ते रहेंगे। केजरीवाल ने भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने का संकल्प लिया है औरवह ऐसा करेंगे। वह इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।

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