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केजरीवाल की राजनीति के दो स्तम्भ है – पहला झूठ बोलना और दूसरा अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए विक्टिम कार्ड खेलना – अमित तिवारी

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी द्वारा शराब घोटाले को लेकर शुरुआत से ही कोर्ट की अवहेलना की गई। इतना ही नहीं जब अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया तो न्यायालय के कार्यवाही का वीडियो अवैध रुप से रिकॉर्ड करके आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा जनता के बीच तोड़ मरोड़कर पेश किया गया जिसको लेकर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई है। इसी मुद्दे पर आज पश्चिमी दिल्ली से सांसद कमलजीत सहरावत एवं मीडिया प्रमुख  प्रवीण शंकर कपूर ने भाजपा का पक्ष रखा और प्रवक्ता अधिवक्ता अमित तिवारी ने इस मामले में कानूनी पक्ष रखा।    
कमलजीत सहरावत ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका में 28 मार्च 2024 को केजरीवाल की पार्टी एवं विधायकों द्वारा अवैध रुप से बनाई गई न्यायालय की वीडियों और ऑडियों को हटाने का निर्देश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को दिया गया है। उन्होंने बताया कि न्यायालय की कार्यवाही को रिकॉर्ड करना प्रतिबंधित है। 
कमलजीत सहरावत ने कहा कि 21 मार्च 2024 को केजरीवाल गिरफ्तार हुए थे फिर से जनता को गुमराह करने के लिए 28 मार्च 2024 को जब उनको न्यायालय के समक्ष पेश किया गया तब फिर उन्होंने झूठे बयान दी जिसे उनकी पत्नि और उनके मंत्री, विधायकों ने अवैध रुप से न्यायालय की कार्यवाही का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करके जनता को गुमराह करने की कोशिश की।   
भाजपा सांसद ने कहा की 28 मार्च में कोर्ट में राजनीतिक ब्यानबाज़ी करके रिकार्ड करके दिखाना आम आदमी पार्टी की सोची समझी साजिश थी, कोर्ट व्यवस्था पर कुठाराघात था।
प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी मार्क्सवादी सोच से पोषित है और ऐसे लोग ना कोर्ट का सम्मान करते हैं ना शासन प्रशासन का और इसी कारण आज दिल्ली सरकार में हर ओर आराजकता के साथ भ्रष्टाचार दिखता है।
अमित तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की राजनीति के दो स्तम्भ है- पहला झूठ बोलना और दूसरा अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए विक्टिम कार्ड खेलना। साल 2015 से 2022 तक कभी भी आम आदमी पार्टी या इनके नेताओं ने यह आरोप नहीं लगाया कि इनके विधायकों को भाजपा द्वारा किसी प्रकार का कोई प्रलोभन दिया गया है।
24 अगस्त 2022 को  संजय सिंह ने पहली बार प्रेसवार्ता करके यह झूठा आरोप लगया कि इनके विधायकों को केजरीवाल सरकार गिराने के लिए करोड़ों रुपये का प्रलोभन दिया जा रहा है। 24 अगस्त को यह झूठा आरोप इसलिए लगाया था क्योंकि 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने और 22 अगस्त 2022 को ईडी ने शराब घोटाले में हुए भ्रष्टाचार के विषय में केस दर्ज किया था। आम आदमी पार्टी को यह लगा कि अब जनता के समक्ष उनके भ्रष्टाचार की परते खुल जाएंगी इसलिए जनता को गुमराह करने के लिए भाजपा के खिलाफ झूठे आरोप लगाना शुरु कर दिया। 
शराब घोटाले में अक्टूबर 2023 से अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा सम्मन जारी किया गया था। लगातार सम्मन जारी करने के बाद भी अरविंद केजरीवाल जांच में नहीं गए और जब उन्हें यह लगा कि अब उनकी गिरफ्तारी हो सकती है तो फिर 27 जनवरी 2024 को केजरीवाल ने एक ट्वीट करके फिर यही आरोप लगाए कि उनके विधायकों को डराकर और पैसे का लालच देकर सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है।
अमित तिवारी ने कहा की मुख्य मंत्री केजरीवाल ने सब कुछ जानते बूझते 28 मार्च 2024 को विडिओ कान्फ्रेंस के कानूनी प्रावधान का दुरुपयोग किया और ऐसी स्थिती बना दी जहाँ हमें लगता है कोर्ट सख्त संज्ञान ले सकता है।

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