दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में अब वास्तविक समय के आधार पर वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
केजरीवाल ने ‘वास्तविक समय स्रोत विभाजन परियोजना’ की प्रगति की समीक्षा के दौरान कहा कि आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) का दल प्रदूषण उत्सर्जन के स्रोतों के प्रकार, सटीक समय और स्थान की अधिक विस्तृत पहचान करने की कोशिश कर रहा है।
कैबिनेट द्वारा अक्टूबर 2021 में अनुमोदित और नवंबर 2022 में स्थापित परियोजना को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) द्वारा आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-दिल्ली और ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टीईआरआई) के सहयोग से शुरू किया गया था।
बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में अब वास्तविक समय के आधार पर वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान शुरू हो गई है।
दिल्ली सरकार एवं आईआईटी कानपुर का ‘वास्तविक समय स्रोत विभाजन अध्ययन’ दिल्ली को प्रदूषण संबंधी आंकड़े प्राप्त करने में सक्रिय तरीके से मदद कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अधिकारियों को अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर प्रदूषण को कम करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। दिल्ली सरकार विश्लेषण को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के समक्ष रखेगी ताकि केंद्र भी समस्या को लेकर कदम उठा सके।