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केरल सरकार ने नकली पुरावशेष मामले में पुलिस महानरीक्षक लक्ष्मण को निलंबित किया

केरल सरकार ने ठग और प्राचीन वस्तुओं के स्वयंभू डीलर मोनसन मावुंकल से जुड़े धोखाधड़ी मामले में भारतीय पलिस सेव के वरिष्ठ अधिकारी जी लक्ष्मण की कथित संलिप्तता के लिए शुक्रवार को उन्हें निलंबित कर दिया।
सरकार ने एक आदेश में कहा कि जांच के दौरान अपराध में पुलिस महानिरीक्षक की संलिप्तता सामने आई है।
आदेश में लिखा है, ‘‘यह आकलन किया गया है कि इतने उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी की संलिप्तता और गंभीर प्रकृति के मामले में उनकी गिरफ्तारी और बाद में जमानत से पुलिस बल की छवि खराब हुई है और पुलिस बल का अनुशासन भंग हुआ है।’’
मुख्य सचिव डॉ. वेणु द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) को अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के नियम 3(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

इससे पहले, लक्ष्मण ने भारतीय दंड संहिता की धारा 468 (जालसाजी), 420 (धोखाधड़ी) और अन्य प्रावधानों के तहत दंडनीय विभिन्न अपराधों के लिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध लेकर केरल उच्च न्यायालय का रुख किया था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के आरोपी बनाया गया है।
मूल रूप से चेरथला निवासी मावुंकल अपने पास दुर्लभ और ऐतिहासिक प्राचीन वस्तुओं के होने का दावा करता है। उसे सितंबर 2021 में जिला अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था।

शाखा उसके खिलाफ कई लोगों से 10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले की जांच कर रही है।
मावुंकल की गिरफ्तारी के तुरंत बाद केपीसीसी के अध्यक्ष सुधाकरन, लक्ष्मण सहित विभिन्न वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों, वरिष्ठ नौकरशाहों और कई अन्य लोगों के साथ आरोपी की तस्वीरें सामने आईं। छह पीड़ितों द्वारा मुख्यमंत्री से संपर्क करने के बाद मावुंकल के खिलाफ शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय से एर्नाकुलम जिला अपराध शाखा को भेज दी गई थी।
कुछ साल पहले एक नाबालिग लड़की के साथ बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में मावुंकल को हाल ही में जीवत पर्यंत कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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