कोट्टायम में महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से प्रेरणा लेते हुए केरल में एक और विश्वविद्यालय ने 18 साल से अधिक आयु की अपनी छात्राओं को छह महीने का मातृत्व अवकाश देने का फैसला किया है।
तिरुवनंतपुरम स्थित केरल विश्वविद्यालय ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की हाल की घोषणा के बाद यह फैसला लिया। विजयन ने कहा था कि राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सभी संस्थानों में महिला छात्राओं को माहवारी और मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।
केरल विश्वविद्यालय ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ रही लड़कियों के लिए विशेष माहवारी अवकश देने का आदेश जारी किया था और छात्राओं के लिए माहवारी अवकाश समेत उपस्थिति की सीमा 73 प्रतिशत तय की थी। साथ ही उसने 18 साल से अधिक आयु की छात्राओं के लिए मातृत्व अवकाश की भ अनुमति दी थी।
विश्वविद्यालय संघ ने 19 जनवरी को संकल्प लिया था कि अगर छात्रा छह महीने तक का मातृत्व अवकाश लेती है तो वह दोबारा दाखिला लिए बगैर फिर से कॉलेज आ सकती है।
महात्मा गांधी विश्वविद्यालय ने हाल में अपनी छात्राओं को दो महीने का मातृत्व अवकाश देने का फैसला लिया था।
कोचीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) ने अपनी छात्राओं को माहवारी अवकाश देने का फैसला लिया था जिसके बाद उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदु ने कहा था कि सरकार ने विभाग के तहत आने वाले राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में इसे लागू करने का निर्णय लिया है।