22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह है। इस समारोह को भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है। इस समय हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शामिल हो रहे हैं। यही कारण है कि विपक्ष इसे भाजपा का एजेंडा बता रहा है। साथ ही साथ विपक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है कि भगवान राम तो सभी के हैं, लेकिन भाजपा चुनावी लाभ के लिए इस इवेंट में कन्वर्ट करने की कोशिश कर रही है। इसी को लेकर आप उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी दलों पर पलटवार किया है।
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केशव प्रसाद मौर्य ने साफ तौर पर कहा है कि अगर किसी की नजर में खोट है तो उन्हें आंखों का इलाज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि उनमें कोई मानसिक दोष है तो उन्हें इसकी भी जांच करानी चाहिए। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह उन्हें सद्बुद्धि दें और स्वस्थ रखें। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भगवान राम सबके हैं, वे पहले भी थे और भविष्य में भी रहेंगे। राम मंदिर सबका है, जैसा पहले भी था और भविष्य में भी रहेगा। हमें गर्व है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार को इसे बनाने का अवसर मिला। अगर वे (विपक्ष) शर्मिंदा हैं, तो यह उनकी बीमारी है – मेरी नहीं।’
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अयोध्या से निमंत्रण की ज़रूरत नहीं है। वहां हमारे प्रभु राम हैं, हर काम की शुरुआत उनके नाम से ही होती है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब भी मौका मिलेगा और जब भगवान राम बुलाएंगे तब हम जाएंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर के उद्घाटन के जरिए भाजपा नौटंकी कर रही है। जयनगर में कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा, मैं धार्मिक आधार पर जनता को बांटने में विश्वास नहीं करती।
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ममता ने साफ तौर पर कहा कि जब तक जिंदा हूं, समाज में बंटवारा नहीं होने दूंगी। उन्होंने कहा कि मैं उन उत्सवों में विश्वास करती हूं जो सभी समुदायों के लोगों को साथ लेकर चलते हैं और एकता की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा इसे (राम मंदिर उद्घाटन) अदालत के निर्देश के तहत कर रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले इसे नौटंकी के तौर पर कर रही है। उन्होंने दावा किया कि हम भाजपा के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।