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खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब डे का मुखिया अमृतपाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जिसे पकड़ने के लिए तलाश जारी है। वहीं खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को धमकी दे डाली है। अमृतपाल के खिलाफ हो रहे एक्शन से नाराज संगठन ने कहा कि हमारी लड़ाई भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है।
संगठन ने हिमंत बिस्वा सरमा को धमकी देते हुए कहा कि आप इस मामले में दखल ना दें तभी हिंसा का शिकार होने से खुद को बचा सकेंगे। हमारी आपसे किसी तरह की कोई लड़ाई नहीं है। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री को ये संदेश गुरुपतवंत सिंह पन्नू की ओर से भेजा गया है। पन्नू ने धमकी के जरिए कहा कि असम में खालिस्तानी समर्थकों को कैद किया जा रहा है। उन्हें कैद कर प्रताड़ित कर रहे है।
उन्होंने कहा कि पंजाब को भारत से मुक्त कराने के लिए अभियान चला रहे है, जिसे काफी शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। अगर सरकार अमृतपाल के सहयोगियों पर जुल्म करेगी तो उसके लिए सिर्फ अस सरकार जिम्मेदार होगी। बता दें कि पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ 18 मार्च से ही अभियान चलाया हुआ है।
बता दें कि खालिस्तान की मांग को लेकर सिख फॉर जस्टिस संगठन भी बना हुआ है। वर्ष 2007 में अमेरिका से इस संगठन की शुरुआत की गई है। इसका काम वर्तमान में गुरपतवंत सिंह पन्नू की देखरेख में होता है। संगठन का मुख्य मकसद सिर्फ पंजाब से अलग खालिस्तान का निर्माण करना है। कहा जाता है कि खालिस्तान की फंडिंग आईएसआई से होती है।