Breaking News

UPSC अध्यक्ष के इस्तीफे पर खड़गे का सवाल, इसे एक महीने तक गुप्त क्यों रखा गया, क्या कहीं…

यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी के निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा देने के बाद से राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने पूरे मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या संघ लोक सेवा आयोग में चयन प्रक्रिया से जुड़े कई विवादों को देखते हुए उन्हें समय से पहले ही बाहर कर दिया गया। सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘नीली आंखों वाला रत्न’ बताते हुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा कि यूपीएससी अध्यक्ष के इस्तीफे को एक महीने तक गुप्त क्यों रखा गया?
 

इसे भी पढ़ें: UPSC अध्यक्ष मनोज सोनी ने ‘‘निजी कारणों’’ का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया

एक्स पर खड़गे ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) व्यवस्थित रूप से भारत के संवैधानिक निकायों के संस्थागत अधिग्रहण में शामिल हैं, “जिससे उनकी प्रतिष्ठा, अखंडता और स्वायत्तता को नुकसान पहुंच रहा है!” उन्होंने कहा कि यूपीएससी को परेशान करने वाले कई घोटाले राष्ट्रीय चिंता का कारण हैं। पीएम मोदी और उनके कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री को सफाई देनी होगी। अयोग्य व्यक्तियों द्वारा फर्जी जाति और चिकित्सा प्रमाण पत्र बनाने के कई मामलों से ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने ‘फुलप्रूफ’ प्रणाली को धोखा दिया है।
उन्होंने कहा कि यह एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों सहित लाखों उम्मीदवारों की वास्तविक आकांक्षाओं का सीधा अपमान है, जो सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में कड़ी मेहनत करते हैं, आधी रात को पसीना बहाते हैं। उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है कि कैसे यूपीएससी अध्यक्ष ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पांच साल पहले ही इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा एक महीने तक गुप्त क्यों रखा गया? क्या इतने सारे घोटालों और इस्तीफ़े के बीच कोई संबंध है?
 

इसे भी पढ़ें: न्यायपालिका अपना काम करेगी, UPSC की तरफ से एफआईआर दर्ज कराने पर बोलीं पूजा खेडकर

खड़गे ने कहा कि मोदी जी के इस ‘नीली आंखों वाले रत्न’ को गुजरात से लाया गया और पदोन्नत करके यूपीएससी का अध्यक्ष बनाया गया। सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने सिविल सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहा था, लेकिन शासन के हर पहलू को नियंत्रित करने की मोदी सरकार की हताश कोशिश ने इसमें छेद कर दिया है! इसकी उच्चतम स्तर पर गहन जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में यूपीएससी प्रवेश में धोखाधड़ी के ऐसे मामले न हों।

Loading

Back
Messenger