बिहार बाढ़ की भीषण चपेट में है। इससे कम से कम 16 जिले प्रभावित हुए हैं। इसको लेकर सियासत भी हो रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लानी चाहिए। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि बिहार में बाढ़ का मंज़र भयंकर होता जा रहा है। 17 ज़िलों में क़रीब 15 लाख़ लोग बाढ़ग्रस्त हैं और पिछले कुछ दिनों में कई लोगों की मृत्यु का समाचार बेहद पीड़ादायक है। पुल टूटे हैं और ख़ासकर उत्तरी बिहार में आपदा के चलते नागरिकों के घर उजड़े हैं।
इसे भी पढ़ें: बिहार के बाढ़ प्रभावित सीतामढ़ी जिले में डूबने से छह लोगों की मौत, एक अन्य लापता
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार से हमारी माँग है कि राहत और बचाव कार्यों में तेज़ी लाई जाए, ताकि पीड़ितों को त्वरित मदद मिल सके। उन्होंने आगे लिखा कि विषम परिस्थितियों में भारतीय वायुसेना, NDRF और SDRF की टीमें जो मदद कर रही है, उनका हम तहे दिल से धन्यवाद करते हैं। पर अभी भी राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा हर संभव मदद की बेहद ज़रुरत है। केंद्र सरकार को PMCARES से हर बाढ़ पीड़ित को पर्याप्त मुआवज़ा देना चाहिए और राज्य सरकार की सहायता करनी चाहिए। जिन किसानों की फ़सल बर्बाद हुई है, उन्हें भी मुआवज़ा मिलना चाहिए।
इसे भी पढ़ें: बाढ़ से बिहार का बुरा हाल, बर्बाद और बेहाल! दरभंगा से सहरसा तक नए इलाकों में फैला कोसी-गंडक का पानी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्त्ताओं से अपेक्षा है कि वो पीड़ितों की सेवा के लिए तत्पर रहें। बिहार में मंगलवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही। इस बीच, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ‘भयावह’ स्थिति का विवरण साझा करेंगे। एक दिन पहले नयी दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कोसी, गंडक एवं गंगा नदियों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया और अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाये जाने का निर्देश दिया। पड़ोसी देश नेपाल में भारी वर्षा के कारण 29 सितंबर की सुबह पांच बजे कोसी बैराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जो 1968 के बाद सर्वाधिक है।