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साबरमती विधानसभा सीट पर बीजेपी का पलड़ा भारी, दो दशकों से है कब्जा

गुजरात में साबरमती विधानसभा सीट ऐसी सीट है जहां पाटीदारों की अहम भूमिका है। इस सीट पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है मगर यहां इस बार त्रिकोणीय लड़ाई होगी। यहां कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच लड़ाई होगी। गुजरात की ये सीट ओबीसी और दलित वोटों के लिहाज से भी काफी अहम है।
 
वर्ष 2017 की बात करें तो यहां अरविंद कुमार गांडाभाई पटेल ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार डॉक्टर जीतूभाई पटेल को 65 हजार मतों से मात दी थी। जानकारी के मुताबिक ये सीट वर्ष 1962 में अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर बीते चार चुनावों से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है।
 
भाजपा ने उतारा मजबूत उम्मीदवार
भाजपा ने इस सीट पर सबसे ताकतवर उम्मीदवार उतारा है। गांधीनगर के अंतर्गत आने वाली साबरमती सीट पूरी तरह से शहरी सीट है, जहां 100 प्रतिशत शहरी मतदाता है। ये ऐसी सीट है जहां भाजपा की पकड़ काफी मजबूत रही है। इस सीट को महात्मा गांधी से भी खास पहचान मिली है। ये आजादी आंदोलन के समय से ही चर्चा में रही है। इस सीट पर भाजपा के हर्षदभाई रणछोड़भाई पटेल, कांग्रेस के दिनेशसिंह गणपतसिंह महिडा और आम आदमी पार्टी से जसवंतसिंह विसाजी ठाकोर चुनाव मैदान में है।
 
साबरमती विधानसभा सीट गृहमंत्री अमित शाह के संसदीय क्षेत्र में आती है। ये सीट काफी अहम है क्योंकि यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर वोट डाला था। इस सीट पर 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साबरमती के राणिप से पहली बार मतदान किया था। वहीं वर्ष 2012 के चुनावों की बात करें तो यहां से अरविंद कुमार पटेल ने वर्ष 2012 में 10 लाख 7 हजार 36 वोट पाए थे। उन्होंने कांग्रेस के गोविंदलाल पटेल को हराया था, जिन्हें सिर्फ 39 हजार 453 वोट मिले थे। दोनों की जीत में 967,583 मतों का अंतर था।

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