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जानिए कौन हैं Mira-Bhayander से निर्दलीय चुनाव जीतने वाली Geeta Jain, बतौर पार्षद जीता था पहला चुनाव

महाराष्ट्र की मीरा भायंदर विधानसभा सीट को 2019 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गीता जैन जीतने में सफल रही थीं। विधायक गीता जैन ने अपना राजनीतिक सफर एक पार्षद के तौर पर किया था। जिसके बाद वे मीरा-भायंदर क्षेत्र की मेयर के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। विधायक गीता जैन का नाम अक्सर सुर्खियों में रहता है। कुछ समय पहले उन्होंने एक सरकारी इंजीनियर को लापरवाही करने के कारण सबके सामने थप्पड़ जड़ दिया था। जिसकी महाराष्ट्र में काफी आलोचना भी हुई थी। विधायक जैन ने अपना सफर भारतीय जनता पार्टी के साथ शुरू किया था। जिसके बाद वे कुछ समय तक किसी भी दल में शामिल नहीं हुई। इसके बाद जैन शिवसेना और एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी की सदस्य बन गई हैं।
विधायक गीता भारत जैन का जन्म 5 जुलाई 1964 मुंबई के अंधेरी में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पिछला विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद उन्होंने शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया। एक साल बाद, वह शिवसेना में शामिल हो गईं। उन्होंने फरवरी 2015 से अगस्त 2017 तक मीरा-भयंदर शहर की मेयर के रूप में कार्य किया। जून 2022 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अपना समर्थन दिया।
कौन हैं विधायक गीता जैन? 
गीता भारत जैन अपने तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। गीता जैन के पिता जोगेश्वरी में कपड़े की खुदरा दुकान चलाते थे। अंधेरी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद गीता जैन ने साल 1984 में पीवीटी पॉलिटेक्निक कॉलेज, मुंबई से मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी के डिप्लोमा के साथ स्नातक किया था। अगस्त 1984 में उन्होंने भरत जैन से शादी की। उनकी दो बेटियां हैं।
जानिए उनका राजनीतिक सफर 
अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत गीता भारत जैन ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में की थी। पार्टी में में रहते हुए उन्होंने फरवरी 2015 से अगस्त 2017 तक मीरा-भायंदर शहर की मेयर के रूप में कार्य किया। इसके बाद बीजेपी छोड़कर साल 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मीरा-भायंदर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने पर गीता जैन ने शिवसेना का अपना समर्थन दिया और एक साब बाद खुद शिवसेना में शामिल हो गईं। हालांकि, शिवसेना में आतंरिक संघर्ष बढ़ने पर उन्होंने 22 जून 2022 को शिव सेना का साथ छोड़ भाजपा का दामन थम लिया था।
पार्षद लेकर विधायक तक का सफर
गीता जैन 2019 निर्दलीय चुनाव लड़कर मीरा भायंदर सीट से जीतीं थी। उन्होंने तब बीजेपी के उम्मीदवार नरेंद्र मेहता को 15 हजार से अधिक वोटों से हराया था। 21 अक्टूबर 2020 को गीता जैन शिवसेना से जुड़ी थीं। इसके बाद गीता जैन बीजेपी में शामिल हो गई थी। 31 जुलाई 2022 से वह बीजेपी के साथ हैं। गीता जैन इससे पहले तीन बाद इस इलाके की मेयर (2015 से अगस्त 2017 तक) रह चुकी हैं। इससे पहले वह कई बार पार्षद भी रह चुकी हैं।
सरकारी इंजीनियर को सरेआम जड़ा था थप्पड़
उनका विवादों से भी नाता रहा है। एक बार उन्होंने लापरवाही बरतने के कारण सरकारी इंजीनियर को थप्पड़ जड़ दिया था।  जानकारी के मुताबिक, गीता जैन के विधानसभा क्षेत्र मीरा-भाइंदर के काशीमीरा इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ महानगरपालिका की तरफ से मुहिम चलाई जा रही थी। एमबीएमसी इंजीनियर शुभम पाटिल अपने एक साथी के साथ अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए काशीमीरा गए थे। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना किसी नोटिस के उनकी झोपड़ियों को तोड़ा जा रहा है और उन्हें जबरन हटाया जा रहा है। इसकी सूचना मिलते ही विधायक गीता जैन मौके पर पहुंची थी।

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