कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक महिला डॉक्टर की हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश दिया है। हालांकि, इस मामले को लेकर लगातार दूसरे दिन भी विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन सबके बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भारतीय चिकित्सा संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। इस मुलाकात के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने कहा कि हमारी मुख्य मांग सभी अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने के बारे में है। सुरक्षित क्षेत्रों को एक निश्चित मात्रा में सुरक्षा मिलनी चाहिए जिसे कानून द्वारा परिभाषित किया जाना चाहिए।
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अशोकन ने आगे कहा कि दूसरी मांग केंद्रीय कानून के बारे में है जिसकी हम पिछले कुछ सालों से मांग कर रहे हैं। 25 राज्य कानून हैं लेकिन व्यावहारिक रूप से दोषियों को सजा नहीं मिल पाती। इसलिए सिर्फ़ यही अपराध नहीं, डॉक्टरों के खिलाफ़ पूरे देश में बहुत हिंसा हुई है। इसलिए इस समय केंद्रीय कानून हमारी मांग की एक शर्त है। उन्होंने कहा कि हमने सीबीआई जांच के बारे में बात की थी लेकिन हमें पता चला कि हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है जिसका हम स्वागत करते हैं।
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इससे पहले फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) ने सोमवार को घोषणा की कि कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्मऔर हत्या के विरोध में उसकी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में कोई समाधान नहीं निकल पाया। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस वीभत्स घटना के विरोध में देश भर के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए, जिससे ओपीडी और गैर-आपातकालीन सर्जरी सहित वैकल्पिक सेवाएं प्रभावित हुईं।