Breaking News
-
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पूर्व डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया का अगला…
-
नट्स यानी सूखे मेवों को सुपरफूड्स कहा जाता है। क्योंकि इनमें तमाम पोषक तत्व पाए…
-
राजस्थान के बल्लेबाज महिपाल लोमरोर ने गुरुवार को उत्तराखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में…
-
इजरायली हवाई हमलों में पिछले सप्ताह में लगभग 200 हिजबुल्लाह आतंकवादी मारे गए और 140…
-
22 नवंबर से भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है।…
-
उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो चुपचाप किसी के…
-
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर हंगामा जारी है। आईसीसी पर पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और अब…
-
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में उपग्रह ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा देना चाहती है। स्टारलिंक…
-
भारत की स्टार टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा के संन्यास को काफी समय हो चुका है।…
-
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार को निर्णायक चौथा टी20 मैच और श्रृंखला जीतने की कोशिश…
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में चल रही आंतरिक कलह के बीच पार्टी की राज्य में सबसे बड़ी दलित नेता और सांसद कुमारी शैलजा ने दावा किया है कि अगर राज्य में पार्टी सरकार बनती है। तो, मुख्यमंत्री पद का फैसला पार्टी आला कमान करेगा। हालांकि, उनके इस बयान में ज्यादा उम्मीद नजर नहीं आ रही है, क्योंकि राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा जिस प्रकार से प्रचार में जुटे हुए हैं उसको देखकर स्पष्ट कहा जा सकता है कि पार्टी आला कमान पहले ही अपने मुख्यमंत्री पद का चुनाव कर चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में लगभग 70 से अधिक टिकटें भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को मिली हैं। पार्टी के लगभग सभी उम्मीदवार भी राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं। इस चुनाव को लेकर पूरे हरियाणा में पार्टी के प्रमुख चेहरे के तौर पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ही पेश किया गया है। हर जगह उनकी फोटो वाले बैनर और प्रचार सामग्री भी लगी है। तो वहीं, कुमारी शैलजा की फोटो वाले बैनरों की संख्या नाममात्र की ही है। इसके साथ पार्टी की बड़ी-बड़ी रैलियां से भी ,सांसद कुमारी शैलजा ने खुद को पार्टी लाइन से दूर ही रखा है।
जिससे स्पष्ट तौर पर संकेत मिल रहे हैं कि उनके मुख्यमंत्री पद के लिए दावा बहुत कमजोर है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुनाव से पहले सरकार गठन के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ भी जोड़ तोड़ करने की राजनीति पहले से ही शुरू कर दी है। जिससे अगर सरकार बनाने में उनका समर्थन मांगना पड़े तो वे विधायक कांग्रेस का समर्थन करने से भी पीछे ना हटें। तो वहीं, कुमारी शैलजा राजनीति के इस पहलू से कम ही वाकिफ नजर आती हैं।
कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने इस दौरान कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी सीट पर कैंपेन करने के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी प्रचार किया है और वह सभी सीटें कांग्रेस जीतने में सफल भी रही है और अब राज्य में बदलाव की लहर चल रही है। जिससे कांग्रेस पार्टी की सरकार बनना तय है। सांसद शैलजा ने बताया कि इस चुनाव में पार्टी के सभी नेता पूरी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। पार्टी के आंतरिक मतभेदों पर उन्होंने कहा कि यह सब हमारे परिवार का आपसी मामला है जिसे हम आपस में बैठकर सुलझा रहे हैं। संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मुख्यमंत्री पद का फैसला पार्टी हाई कमान ही करेगा।