Breaking News
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी तीन देशों की यात्रा के दौरान इटली, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत…
-
महाराष्ट्र और झारखंड के लिए कल का दिन बेहद अहम होने वाला है। दोनों की…
-
शिक्षा और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने विधान परिषद में आंध्र प्रदेश लोकायुक्त संशोधन विधेयक…
-
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने इससे पहले अक्टूबर में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की…
-
केंद्र जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में 10,000 से अधिक सैनिकों को भेजेगा, जिससे पड़ोसी राज्य…
-
सुप्रीम कोर्ट ने उन गवाहों के बयानों तक पहुंच के पंजाब सरकार के अनुरोध को…
-
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव के बाद के घटनाक्रम की…
-
आप सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गौतम अडानी का पक्ष…
-
फिल्मी सितारों से जुड़े विवादों और कानूनी पचड़ों का रिश्ता काफी पुराना है। सीनियर एक्टर…
-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुल्क को विकसित देश बनाने के लिए शुक्रवार को लोगों के…
हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस की वर्तमान सांसद कुमारी शैलजा भी मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा मजबूत कर रही हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कुमारी शैलजा ने 2 लाख 68 हजार से भी अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने चुनाव में बीजेपी के अशोक तंवर को शिकस्त दी थी। तीन बार लोकसभा और एक बार राज्य सभा की सदस्य रह चुकीं कुमारी शैलजा ने राजनीति की शुरूआत महज 25 साल की उम्र में कांग्रेस के साथ की।
हिसार में रहने वाले चौधरी दलबीर सिंह के घर में 24 सितंबर 1962 को पैदा हुई कुमारी शैलजा की मेहनत और लगन को देखकर कांग्रेस पार्टी ने साल 1990 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया। इसके बाद वह पहली बार सिरसा लोकसभा सीट पर साल 1991 के चुनाव में उतरीं और जीत कर संसद पहुंची। उन्होंने 1996 के लोकसभा चुनावों में इसी सीट से दोबारा विजय हासिल की और पहले नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री बनी थीं। तीसरी बार वह साल 2004 के लोकसभा चुनावों में अंबाला लोकसभा सीट से जीत कर मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री बनीं थीं।
उन्होंने राष्ट्रमंडल महिला संसदीय संचालन समिति की सदस्य, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में शिक्षा और संस्कृति विभाग में केंद्रीय राज्य मंत्री, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और संस्कृति मंत्री के रूप में कार्य किया है। उन्हें राष्ट्रमंडल मानव बस्तियों पर सलाहकार समूह (सीसीजीएचएस) का अध्यक्ष भी चुना गया था। शैलजा को वायु गुणवत्ता के विनियमन, वायु प्रदूषण के उन्मूलन और औद्योगिक इकाइयों के लिए प्रदूषण मानदंडों में गहरी रुचि है। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों के बारे में जागरूकता पर काम किया है। संसद में उन्होंने अक्षय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से किसानों को बिजली प्रदान करने और उनके माध्यम से अक्षय ऊर्जा स्रोतों और बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल पर सवाल उठाए हैं।
कुमारी शैलजा की शिक्षा दीक्षा दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से हुई। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी से की और फिर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लिया। राजनीति की शुरूआत में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम किया। इसी क्रम में वह साल 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। साल 2011 में उन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील बीएस चाहर की अर्जी पर हाईकोर्ट से जालसाजी, आपराधिक धमकी और साजिश रचने के मुकदमे में नोटिस जारी किया गया था। राजनीति में कुमारी शैलजा का अपनी ही पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ कई बार टकराव हुआ। यहां तक कि दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ कई बार सार्वजनिक बयानबाजी भी की है। साल 2024 में नामांकन भरते समय दिए गए हलफनामा में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति करीब 42 करोड़ बताई थी।