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महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे रोहिदास पाटिल के पुत्र कुणाल पाटिल ने पिछले दो विधानसभा चुनाव में धूले ग्रामीण सीट को जीतकर अपनी राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दे दिया है। अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए कुणाल ने दोनों ही चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते हैं। उनके पहले 2009 में इस सीट से शिवसेना के शरद पाटिल जीतने में सफल रहे थे। 2017 में विधायक कुणाल पाटिल को विधानसभा में अनुशासनहीनता के कारण निलंबित भी किया गया था।
कुणाल रोहिदास पाटिल 14वीं महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य हैं । उन्होंने लगातार दूसरी बार विधायक के रूप में इस निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की है। वे धुले ग्रामीण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री रोहिदास पाटिल के पुत्र हैं। उन्होंने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धुले ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार ज्ञानज्योति मनोहर पाटिल (भडाने) के खिलाफ 14564 मतों से जीत हासिल की।
उन्होंने धुले लोकसभा क्षेत्र से 2019 में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के आदेश पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। जिसमें उनको हार का सामना करना पड़ा था। 22 मार्च 2017 को पाटिल को राज्य के बजट सत्र के दौरान महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को बाधित करने और चार दिन पहले विधानसभा के बाहर बजट की प्रतियां जलाने के लिए 18 अन्य विधायकों के साथ 31 दिसंबर तक निलंबित कर दिया गया था। पाटिल शिवाजी विद्या प्रसारक संस्था के अध्यक्ष रहे हैं, जो धुले में स्थित सौ साल से ज़्यादा पुरानी शैक्षणिक संस्था है और जिसने पिछले साल स्वर्ण जयंती मनाई थी। संस्था प्राथमिक शिक्षा से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, कला, वाणिज्य और विज्ञान महाविद्यालयों और जिले के 40 स्कूलों तक सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रम चलाती है।