Breaking News

23 CPC में स्पष्ट प्रावधान, वकील विष्णु शंकर जैन की दो टूक, संभव नहीं ज्ञानवापी मामले में अदालत के बाहर समझौता

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर सर्वेक्षण मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आदेश 23 सीपीसी में स्पष्ट प्रावधान है कि जब तक सभी पक्ष सहमत नहीं हो जाते, तब तक कोई समझौता नहीं हो सकता… जो मुद्दे समाज और देश से जुड़े हों, उन पर कोई एक व्यक्ति या पार्टी अकेले कोई समझौता भी नहीं कर सकती। जो मुद्दे देश और समाज से जुड़े होते हैं, जिसमें रिप्रजेंटेटिव सूट होता है। उसमें कोई एक आदमी या पार्टी भी चाहे अकेले सेटलमेंट करना तो नहीं कर सकती है। इस मामले में अदालत के बाहर समझौता संभव नहीं है। 

इसे भी पढ़ें: Gyanvapi मामले का क्या अदालत के बाहर हो जाएगा समाधान? हिंदू याचिकाकर्ता ने लिखा पत्र, मस्जिद कमेटी ने दिया जवाब

विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमारी जितनी भी पार्टी है कोई भी सेटलमेंट के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने उल्टा सवाल उठाते हुए पूछा कि समझौता कैसा होगा? कॉमप्रेमाइज तब ही होता है जब आप अपना कुछ हक देते हैं और दूसरा आदमी अपना कुछ हक देता है। यहां बैरिकेटिंग के अंदर जितनी भी जमीन है उसका एक इंच भी हम देने को तैयार नहीं हैं। वो बैरिकेडिंग वाला पूरा परिसर हमें चाहिए। जिस तरह से गलत ढंग से वहां मस्जिद बनाई गई हैं। मंदिर को मस्जिद के रूप में इस्तेमाल किया है। इसमें तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए। समझौते की तो कोई बात ही नहीं आती है। 

इसे भी पढ़ें: Gyanvapi मामले का क्या अदालत के बाहर हो जाएगा समाधान? हिंदू याचिकाकर्ता ने लिखा पत्र, मस्जिद कमेटी ने दिया जवाब

बता दें कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) ने पुष्टि की कि उसने विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब दिया है, जिसमें ज्ञानवापी मामले को अदालत के बाहर निपटाने के लिए चर्चा का प्रस्ताव दिया गया था। हमें वीवीएसएस प्रमुख विसेन द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा गया पत्र प्राप्त हुआ। एआईएमसी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि हमने विसेन और (वीवीएसएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष) संतोष सिंह को जवाब दिया है। उन्होंने संचार के विवरण का खुलासा नहीं किया और कहा कि पत्र मस्जिद समिति के समक्ष रखा जाएगा। 

Loading

Back
Messenger