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हिंदू देवी-देवताओं पर वामपंथी विधायक की एफबी पोस्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया: यूडीएफ

केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी ‘संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा’ (यूडीएफ) ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक विधायक की हालिया फेसबुक पोस्ट के खिलाफ आवाज उठाई है और भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए इसकी निंदा की है।
यूडीएफ का कहना है कि संबंधित पोस्ट से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
विपक्ष ने भाकपा और राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से भी इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया है।
त्रिशूर विधानसभा सीट से भाकपा विधायक पी. बालाचंद्रन ने पोस्ट पर विवाद उत्पन्न होने के बाद उसे हटा लिया था।
विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि केवल पोस्ट हटा लेने से लोगों की आहत भावनाएं ठीक नहीं होंगी।

सतीशन ने एक बयान में कहा, ‘‘जिन लोगों ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वे मंदिर की पूजा में विश्वास नहीं करते हैं, उनके द्वारा आस्तिकों की भावनाओं को लगातार ठेस पहुंचाया जाना स्वीकार्य नहीं है। भक्ति और आस्था व्यक्तिगत मामले हैं।’’
उन्होंने कहा कि बालाचंद्रन की फेसबुक पोस्ट भगवान की अवधारणा का अपमान करती है और आस्तिकों को आहत करती है तथा ऐसी टिप्पणी जनप्रतिनिधि की ओर से कभी नहीं की जानी चाहिए थी।
भाकपा नेता पर निशाना साधते हुए सतीशन ने कहा कि बालाचंद्रन की अभद्र थी, उनके भाव अनुचित थे और उनके पोस्ट ने केरल में सांप्रदायिकता के बीज बोने की कोशिश करने वाली ताकतों को मौका प्रदान किया है।

भाकपा विधायक ने विवादास्पद पोस्ट हटा लेने के बाद कहा था कि उन्होंने बस एक पुरानी ‘स्टोरी’ पोस्ट की थी, लेकिन उन्होंने भगवान राम के भक्तों को हुई तकलीफ पर खेद भी व्यक्त किया था।
हिंदू धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को आहत करने के कारण भारी आलोचना का सामना करने के बाद बालाचंद्रन ने फेसबुक पोस्ट हटा दी थी।
रामायण पर उनके विवादास्पद पोस्ट में आरोप लगाया गया था कि सीता ने भगवान राम और लक्ष्मण को ‘पराठा और मांस परोसा था।

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