नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर आरोप लगाया कि वह केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने की अपनी ‘अनिच्छा’ को सही ठहराने और इसके ‘बेताज बादशाह’ बने रहने के लिए अलग-अलग सर्वेक्षण गढ़ रहे हैं।
उमर उपराज्यपाल सिन्हा की उस कथित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि जम्मू-कश्मीर में सर्वेक्षण कराया जाए तो 80 फीसदी लोग मौजूदा व्यवस्था-केंद्रीय शासन- के पक्ष में मतदान करेंगे।
नेकां के नेता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में भारतीय जनता पार्टी पर चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘संभवत: भाजपा इसी तर्क का उपयोग देश में एक साथ चुनाव कराने को रोकने के लिए करेगी– ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’।’’
अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर के नए राजा से मिलिए, जो बेताज बादशाह बने रहने के लिए इतने बेचैन हैं कि अब वह विधानसभा चुनाव कराने की अपनी अनिच्छा को सही ठहराने के लिए सर्वेक्षण गढ़ रहे हैं। भारत वास्तव में ‘लोकतंत्र की जननी’ है और हम जम्मू-कश्मीर में उसके अनाथ बच्चे हैं।’’
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने भी उपराज्यपाल की टिप्पणी की आलोचना की।
लोन ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘आधुनिक लोकतंत्र में लोग क्या चाहते हैं, यह पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका चुनाव है, न कि जनमत सर्वेक्षण। हमारे पास केंद्र में एक सरकार है जो जनमत सर्वेक्षण के माध्यम से नहीं बल्कि चुनाव के माध्यम से चुनी गई है। सभी राज्यों में यही स्थिति है।’’
शिया नेता इमरान रजा अंसारी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘मैं इस गुप्त सर्वेक्षण से वास्तव में आश्चर्यचकित हूं, जिसमें 80 फीसदी लोग जम्मू-कश्मीर में पिछले दरवाजे से की गई सबसे बड़ी नियुक्ति का समर्थन कर रहे हैं।