Breaking News

LG VK Saxena का दावा, दिल्ली के इतिहास में पहली बार सड़कों पर नहीं, मस्जिदों के अंदर अदा की गई नमाज

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि इस साल की ईद शायद दिल्ली के इतिहास में पहली बार है कि ‘नमाज़’ सड़कों पर नहीं बल्कि मस्जिदों के अंदर पढ़ी गई, और कहा कि यह सद्भाव और सह-अस्तित्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण था। सक्सेना ने आज (11 अप्रैल) ईद के मौके पर लोगों को बधाई दी और कहा कि इससे पता चलता है कि सभी मुद्दों को आपसी चर्चा और सद्भावना से हल किया जा सकता है। एक्स पर पोस्ट की एक श्रृंखला में, सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में कहीं भी सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई और कहीं भी कोई “अप्रिय घटना” नहीं हुई।
 

इसे भी पढ़ें: India Maldives में फिर से हो गई दोस्ती! मोदी ने मुइज्जू को भेजा मैसेज, इसे पढ़कर चीन का मुंह उतर जाएगा

वीके सक्सेना ने एक्स पोस्ट में लिखा कि ईद-उल-फ़ितर की बधाइयों को दोहराते हुये मैं दिल्ली की तमाम मस्जिदों और ईदगाहों के इमामों और हमारे सभी मुसलमान भाईयों का मस्जिद परिसरों के अंदर ही नमाज़ अदा करने के लिये दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने आगे लिखा कि दिल्ली के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि लोगों ने पूरी तरह से मस्जिदों-ईदगाहों के भीतर ही नमाज़ अदा की, न कि सड़कों पर। ऐसा कर के आज दिल्ली ने देश के लिए सौहार्द और सहास्तित्व की एक बेहतरीन मिसाल पेश की है।
उन्होंने कहा कि अलहदा यानी क्रमबद्ध समय, पर मस्जिद परिसर के अंदर ही नमाज़ आयोजित और अदा कर हमारे इमामों और मुस्लिम भाईयों ने सुनिश्चित किया कि सड़कों पर आवाजाही प्रभावित न हो, किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे और आम लोगों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि विगत 4 अप्रैल को दिल्ली के अनेक मुअज़्ज़ीज इमामों के साथ बैठक में मैने इस बाबत चर्चा और अपील की थी। समुदाय ने नमाज़ के क्रमबद्ध समय के मेरे सुझाव का स्वागत करते हुए इस पर अमल करने का भरोसा दिया था।
 

इसे भी पढ़ें: Bajrangi Bhaijaan की मुन्नी Harshaali Malhotra ने फैंस को दी खास अंदाज में ईद की बधाई, सुंदरता देखकर लोग हुए मंत्रमुग्ध

राष्ट्रीय राजधानी में मुस्लिम समाज के लोगों ने बृहस्पतिवार को ईद-उल-फितर के अवसर पर मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा की। ईद-उल-फितर पर्व रमज़ान महीना संपन्न होने पर मनाया जाता है। दिल्ली की 17वीं सदी की जामा मस्जिद में सुबह की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और एक दूसरे के गले मिलकर बधाई दी। चांदनी चौक, मीना बाजार और दरीबा कलां सहित जामा मस्जिद के आसपास के बाजारों में उत्सव जैसा माहौल रहा और लोगों ने त्योहार के लिए जमकर खरीदारी की। 

Loading

Back
Messenger