मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बृहस्पतिवार को एक दिवसीय यात्रा पर पटना पहुंचने पर बिहार के भाजपा नेताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।
भाजपा उनकी यात्रा को बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वोटबैंक (यादव वोट) में सेंध लगाने के मौके के रूप में देख रही है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति के बाद बिहार के अपने पहले दौरे पर आये मोहन यादव का यहां हवाई अड्डे पर बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी और अन्य पार्टी नेताओं ने स्वागत किया।
मोहन यादव के पटना दौरे के दौरान उन्हें श्री कृष्ण चेतना विचार मंच नामक एक संगठनद्वारा सम्मानित किया जाएगा। इस मंच के अध्यक्ष पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद हैं और वह इसे यादव समुदाय का एक गैर-राजनीतिक संगठन बताते हैं।
भाजपा ने मोहन यादव के स्वागत में पटना शहर में पोस्टर और बैनर लगाए हैं, जिनमें उनकी तस्वीर बिहार में यादव समुदाय के अन्य पार्टी नेताओं के साथ प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है।
बिहार में यादव समुदाय राजद, उसके अध्यक्ष लालू प्रसाद, उनके बेटे एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के प्रति निष्ठावान रहा है।
पटना हवाई अड्डे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का स्वागत करने वालों में शामिल बिहार के पूर्व मंत्री राम सूरत राय ने संवाददाताओं से कहा, मोहन यादव इस बात का प्रमाण हैं कि भाजपा सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व करती है। राजद ने यादवों के साथ निजी संपत्ति की तरह व्यवहार किया है, कभी उनके शैक्षणिक उत्थान की परवाह नहीं की। उसने बाहुबल का पर्याय बनाकर केवल उन्हें बदनाम किया।
बिहार में नीतीश कुमार सरकार द्वारा किए गए जाति सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य की कुल आबादी में यादवों की संख्या लगभग 14 प्रतिशत है। शुरू में भाजपा ने इस निष्कर्ष को बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के प्रयास के रूप में पेश करते हुए उसे खारिज कर दिया।
अभिनंदन समारोह में भाग लेने के बाद, मोहन यादव के भाजपा के बिहार मुख्यालय में पार्टी नेताओं के साथ बातचीत करने और स्थानीय इस्कॉन मंदिर जाने की संभावना है।