Breaking News
-
अमेरिका ने ऐसी तबाही मचाई है जिसने रातों रात भारत के कई दुश्मन देश निपट…
-
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल…
-
देश की राजधानी दिल्ली में एक दिन बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के तहत सभी 70 विधानसभा सीटों पर 05 फरवरी को मतदान होना…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में 05 फरवरी को मतदान होना है। दिल्ली…
-
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 05 फरवरी को मतदान होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियों…
-
कर्नाटक के अनुभवी राजनेता बी आर पाटिल ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राजनीतिक सलाहकार के पद…
-
दिल्ली पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में जनवरी 2025 में 2024 और…
-
आज दिनांक 03 फरवरी 2025 को जेवर स्थित खंड विकास कार्यालय पर क्षेत्र पंचायत की…
-
बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर तीसरा भव्य 'अमृत स्नान' महाकुंभ पवित्र शहर प्रयागराज के…
इंदौर । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इजराइल की जमकर तारीफ की और कहा कि एक करोड़ से भी कम आबादी वाले इस मुल्क ने दुश्मनों से निपटने तथा कृषि उत्पादन के क्षेत्रों में तकनीकी दक्षता की मिसाल पेश की है। यादव ने इंदौर में ‘सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज’ के छठे दीक्षांत समारोह में कहा कि 1950 के दशक में आजाद होने के बाद से लेकर अब तक इजराइल अपनी तकनीकी दक्षता के बलबूते पर सारी चुनौतियों से पार पा रहा है।
उन्होंने कहा कि इजराइल की आबादी एक करोड़ से भी कम है लेकिन आस-पास के जिन देशों से इजराइल की लड़ाई चल रही है उनकी जनसंख्या इससे कहीं ज्यादा है। यादव ने सितंबर में हिजबुल्ला के खिलाफ इजराइल के ‘‘पेजर हमलों’’ का उदाहरण देते हुए कहा,‘‘हिजबुल्ला के लोग बता सकते हैं कि एक पेजर भी कितना भारी पड़ता है। तकनीकी दक्षता का इससे बड़ा कोई उदाहरण होगा क्या?’’
मुख्यमंत्री ने भारत के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्यप्रदेश और इजराइल की इस तिलहन फसल की उत्पादकता को लेकर तुलना भी की। उन्होंने कहा कि तकनीकी दक्षता के कारण ही इजराइल की प्रति बीघा सोयाबीन उत्पादकता मध्यप्रदेश से कहीं ज्यादा है, जबकि इस मुल्क में भारत के मुकाबले बेहद कम बारिश होती है। यादव ने यह भी कहा कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण और डिजिटल भुगतान के क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया के सामने नजीर पेश की है। उन्होंने रामायण और महाभारत की पौराणिक कथाओं का हवाला दिया और कहा कि भारत प्राचीन काल से नैतिक मूल्यों पर भरोसा करता आया है और देश में प्रतिभावान और योग्य लोगों की कोई कमी नहीं है।