मकर संक्रांति पर्व पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के पावन संगम में स्नान के साथ लगभग डेढ़ महीने तक चलने वाला माघ मेला सोमवार से शुरू हो गया।
मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद के मुताबिक, सोमवार को सुबह 10 बजे तक लगभग 8 लाख 70 हजार श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई।
उन्होंने बताया कि रविवार की रात से ही श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं।
तीर्थ पुरोहित आचार्य राजेंद्र मिश्र ने बताया कि मकर संक्रांति पर स्नान का मुहूर्त कल रात्रि दो बजकर 42 मिनट पर सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के साथ शुरू हुआ और यह आज सूर्यास्त तक रहेगा।
उन्होंने कहा कि माघ मेला सर्दी के मौसम का मेला है और कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है तथा लोग आज तड़के से ही स्नान कर पुण्य के भागी बन रहे हैं।
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि स्नान के दौरान किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ वाराणसी की दो टीम घाटों पर तैनात की गई हैं।
उन्होंने कहा कि माघ मेले को 786 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाया गया है और इसे पांच सेक्टर में बांटा गया है। अधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आठ प्रमुख घाट बनाए गए हैं जिनकी लंबाई लगभग 3,300 फुट है तथा आगे स्नान पर्वों पर ये घाट और बढ़ाए जाएंगे।
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, नदी पार करने की सुविधा के लिए छह पंटून पुल बनाए गए हैं और 3.5 किलोमीटर तक गहरे पानी में ‘बैरिकेडिंग’ की गई है।
उन्होंने कहा कि मेले में अपनों से बिछड़े लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए सात ‘खोया-पाया’ केंद्र स्थापित किए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में 18,000 स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं और दो अस्पताल खोले गए हैं।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए मेला क्षेत्र में 1,800 जन शौचालय और 12,000 संस्थागत शौचालय स्थापित किए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 14 पुलिस थाने, 41 पुलिस चौकियां और 14 अग्निशमन केंद्र स्थापित किए गए हैं।