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निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान कर चुका है। जिसके बाद से राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हो चुकी हैं। सभी दल अपनी-अपनी जीत का आशा लगाए बैठे हैं। पूरे महाराष्ट्र में चुनाव एक ही चरण में 20 नवंबर को संपन्न हो जाएंगे। तो वहीं, चुनाव परिणाम 23 नवंबर को आएगा। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर पहले से ही कस ली है। सीट बंटवारे को लेकर महायुति-महाविकास अघाड़ी में शामिल होने वाले दलों ने भीतर ही भीतर सीटें भी तय कर ली है। इसी क्रम में रालेगांव विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान विधायक अशोक उइके पर एक बार फिर भरोसा जताया है।
महाराष्ट्र में चुनाव आयोग भी आकर राज्य की समीक्षा कर चुका है। 288 विधानसभा क्षेत्र वाले इस राज्य में चुनाव प्रक्रिया शांति पूर्ण तरीके से हो इसके लिए चुनाव आयोग ने शासन-प्रशासन को दिशा-निर्देश दे दिया है। वहीं बीजेपी अपने 99 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर चुका है। ऐसे में सभी क्षेत्रीय दल से लेकर राष्ट्रीय दल जीत के लिए जनता के द्वार पहुंच रहे हैं। अब जनता किसे अपना नेता चुनेगी ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा। लेकिन किस विधानसभा में किस पार्टी के उम्मीदवार को जनता ने अपना नेता चुना है, और आगे किस पार्टी के उम्मीदवार को अपना नेता चुनेगी।
1967 के चुनाव से अस्तित्व में आई रालेगांव सीट
महाराष्ट्र विधानसभा के 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से रालेगांव विधानसभा क्षेत्र एक है। रालेगांव विधानसभा सीट 1967 से ही है। रालेगांव, यवतमाल जिले में स्थित सात निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र रालेगांव शहर और तालुका को कवर करता है। अनुसूचित, जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। रालेगांव, कलंब और बाभुलगांव तालुका रालेगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
चुनाव के बाद ही पता चलेगा जनता का मूड
रालेगांव सीट के आंकड़ों पर गौर करें तो, देख पाएंगे कि रालेगांव विधानसभा क्षेत्र में जनता ने सबसे ज्यादा बार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को चुना है। तो वहीं, पिछले दो चुनाव को देखें तो यहां भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी है। इस सीट का इतिहास देखें तो 12 बार विधानसभा चुनाव हुआ है, जिसमें से 8 बार कांग्रेस के उम्मीदवार को अपना विधायक चुना। वहीं एक बार निर्दलीय, एक बार जनता दल और पिछले दो चुनाव से भारतीय जनता पार्टी के झोली में सीट जा रहा है।
वैसे रालेगांव विधानसभा चुनाव का इतिहास देखें तो कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है। ऐसे में अभी यहां से कांग्रेस के भी जीतने की उम्मीद बरकरार है। हालांकि, पिछले दो चुनावों को देखें तो कांग्रेस का वोट प्रतिशत गिरता ही जा रहा है। वहीं बीजेपी की वोट प्रतिशत मजबूत है और विजयी पार्टी भी बनकर इस सीट पर उभर कर सामने आई है। ऐसे में एक बार फिर से कांग्रेस का आना मुश्किल लग रहा है । हालांकि 2024 विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल सकेगा कि जनता का आखिर मूड क्या था।