Breaking News

महाराष्ट्र सरकार ने हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के विकास के लिए किया एनजीईएल ने साथ समझौता ज्ञापन

नवी दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने एनटीपीसी हरित एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) द्वारा प्रति वर्ष एक मिलियन टन क्षमता तक हरित हाइड्रोजन और डेरिवेटिव (हरित अमोनिया, हरित मेथनॉल) के विकास के लिए एनजीईएल के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर सोमवार को हस्ताक्षर किए.  इसमें 2 गीगावॉट के पंप स्टोरेज परियोजनाओं सहित राज्य में 5 गीगावॉट तक भंडारण के साथ अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का विकास शामिल है।
 

इसे भी पढ़ें: UNESCO Heritage Sites के लिए मराठा काल में बने किलों का नामांकन करेगा भारत

महाराष्ट्र सरकार की हरित निवेश योजना के एक भाग के रूप में अगले पांच वर्षों के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते में लगभग  80,000 करोड़ रुपए के संभावित निवेश की उम्‍मीद है। इस समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान 29 जनवरी, 2024 को महाराष्ट्र सरकार के उप सचिव (ऊर्जा) श्री नारायण कराड और एनजीईएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मोहित भार्गव के बीच हुआ।
 

इसे भी पढ़ें: Navi Mumbai में खदान में विस्फोट की प्रक्रिया के दौरान एक व्यक्ति की मौत, दो घायल

इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नवीस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।  एनजीईएल एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और इसका लक्ष्य 7 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा के परिचालन को शुरू करने के साथ 3.4 गीगावॉट और 26 गीगावॉट से अधिक की परिचालन क्षमता पर काम करते हुए एनटीपीसी की अक्षय ऊर्जा यात्रा का ध्वजवाहक बनना है।

Loading

Back
Messenger