शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच एक दिन पहले पुणे में हुई ‘गुप्त’ बैठक को अधिक तवज्जो नहीं दी और कहा कि राकांपा प्रमुख ने अपने भतीजे को यहां 31 अगस्त और एक सितंबर को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया होगा।
राकांपा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री की मुलाकात शनिवार को पुणे में एक कारोबारी के आवास पर हुई।
क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर जारी वीडियो में शरद पवार कोरेगांव पार्क इलाके में स्थित कारोबारी के आवास पर अपराह्न करीब एक बजे पहुंचते और शाम लगभग पांच बजे वहां से रवाना होते दिखाई देते हैं। पवार की रवानगी के करीब दो घंटे बाद शाम 6:45 बजे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार कार में परिसर से निकलते दिखाई देते हैं और इस दौरान वह कैमरे से बचते नजर आते हैं।
राकांपा के आठ विधायकों के साथ अजित पवार दो जुलाई को प्रदेश की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जिससे राकांपा का विभाजन हो गया था।
इस सरकार में भारतीय जनता पार्टी प्रमुख घटक है।
राउत ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिंदे सरकार में कोई खुश नहीं है। लोग इस सरकार से दुखी हैं, यहां तक कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं अजित पवार भी नाखुश हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर (पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री) नवाज शरीफ और नरेन्द्र मोदी मुलाकात कर सकते हैं, तो (शरद एवं अजित) पवार आपस में क्यों नहीं मिल सकते। मजाक के अलावा, उम्मीद है कि शरद पवार कुछ दिन में अपना रुख साफ कर देंगे। पवार ने शायद अजित पवार को (महा विकास अघाड़ी में) वापस आने के लिए कहा होगा, जैसा उन्होंने (2019 में फडणवीस और अजित के क्रमश: मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के रूप में) सुबह-सुबह शपथग्रहण के बाद किया था। राजनीति में कुछ भी हो सकता है।’’
इस बीच, सोलापुर जिले में शरद पवार ने कहा कि अजित पवार के साथ उनकी मुलाकात गुप्त नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे भतीजे हैं और मैं परिवार का सबसे वरिष्ठ सदस्य हूं।’’
राकांपा संस्थापक ने यह भी कहा, ‘‘कुछ शुभचिंतक मुझे मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं भाजपा के साथ कभी नहीं जाऊंगा।’’
राउत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने ही शिवसेना के साथ गठबंधन को तोड़ा था।
उन्होंने दावा किया, ‘‘गठबंधन को नवीनीकृत करने के लिए अमित शाह ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, जिसके बाद फडणवीस ने घोषणा की थी कि अगर (2019 विधानसभा चुनाव के बाद) शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सत्ता में वापसी होती है तो पचास-पचास प्रतिशत की सत्ता साझेदारी होगी, लेकिन भाजपा अपनी बात से मुकर गई।’’
राउत ने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे 2019 में मुख्यमंत्री बनते लेकिन भाजपा उन्हें शीर्ष पद पर बिठाने की इच्छुक नहीं थी।
उन्होंने कहा कि हालांकि, पिछले साल जून में शिवसेना से अलग होने के बाद भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया।
इस बीच, एक प्रश्न के उत्तर में राउत ने दावा किया, ‘‘अगर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा (2024 के लोकसभा चुनाव में) वाराणसी से चुनाव लड़ती हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए लोकसभा क्षेत्र से निकलना मुश्किल होगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि प्रियंका जीतेंगी।’’
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने कहा कि पूरा देश 2024 में राहुल गांधी के साथ खड़ा होगा। राउत ने दावा किया कि अमेठी, वाराणसी और रायबरेली सीट पर बदलाव होगा। इन तीन सीटों से क्रमश: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी सांसद हैं।