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महाराष्ट्र ट्रेन गोलीबारी: आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल को सात अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा गया

मुंबई की एक अदालत ने चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह को मंगलवार को सात अगस्त तक राजकीय रेलवे पुलिस की हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल की हिरासत मांगते हुए अदालत से कहा किउसकी मानसिक स्थिति की अभी जांच नहीं की गई है और वह सहयोग नहीं कर रहा है।
इससे पहले, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि 33 वर्षीय आरोपी बहुत गुस्सैल है।
सिंह को अपराह्न करीब डेढ़ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच यहां मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया।
सिंह को थाने से बोरीवली की स्थानीय अदालत में लाने पर जीआरपी अधिकारियों ने मीडिया की नजरों से बचने के लिए अपने वाहन की खिड़की के शीशे कोटी-शर्ट और शर्ट का इस्तेमाल कर ढक दिया।
मजिस्ट्रेट ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मीडिया को अदालत कक्ष में आने से रोक दिया। मामले से नहीं जुड़े वकीलों को भी कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई।
जीआरपी ने मामले को गंभीर बताते हुए सिंह की 14 दिन की हिरासत मांगी।
जांच अधिकारी ने

बताया कि आरोपी की मेडिकल जांच होनी बाकी है।
पुलिस ने अदालत को बताया कि घटना चलती ट्रेन में हुई। घटनाओं के अनुक्रम की अभी जांच की जानी है और अधिक सबूत एकत्र किए जाने हैं।
पुलिस ने अदालत में कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और गुमराह करने वाला जवाब दे रहा है। आरोपी के कृत्य के पीछे का कारण जानने के लिए गहन जांच की आवश्यकता है।
पुलिस ने कहा कि सिंह ने ट्रेन में ‘एस्कॉर्ट ड्यूटी’ के दौरान अपने वरिष्ठ सहयोगी की गोली मारकर हत्या कर दी और यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या घटना के दिन ड्यूटी के दौरान दोनों के बीच कोई विवाद हुआ था।
पुलिस ने कहा कि अभी इसकी जांच होनी बाकी है कि क्या सिंह ने किसी के कहने पर यह अपराध किया।
दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को सात अगस्त तक जीआरपी की हिरासत में भेज दिया।
यह घटना सोमवार सुबह महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में हुई। सुबह लगभग छह बजे मीरा रोड स्टेशन (मुंबई उपनगरीय नेटवर्क पर) के पास यात्रियों द्वारा जंजीर खींचने के बाद ट्रेन रुकने पर भागने की कोशिश करते समय सिंह को पकड़ लिया गया।
सिंह ने अपने स्वचालित हथियार से बी5 कोच में आरपीएफ के सहायक उप-निरीक्षक टीकाराम मीणा और एक अन्य यात्री की गोली मारकर हत्या कर दी।

इसके बाद उसने सुबह पांच बजे के बाद पैंट्री कार में एक अन्य यात्री और पैंट्री कार के बगल में एस6 बोगी में एक और यात्री की गोली मारकर हत्या कर दी।
रेलवे पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान पालघर के नालसोपोरा के निवासी अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (58) और बिहार के मधुबनी के निवासी असगर अब्बास शेख (48) के रूप में हुई है।
जीआरपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि तीसरे मृतक की पहचान सैयद एस. (43) के रूप में हुई है।
अधिकारियों के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की है।

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