महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार और पार्टी विधायकों के एक वर्ग के शामिल होने के नौ दिन बाद, बहुप्रतीक्षित राज्य मंत्रिमंडल विस्तार अभी तक नहीं हुआ है। इसको लेकर महाराष्ट्र में चर्चाओं का दौर जारी है। राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सूत्रों ने बताया कि यह कदम विभागों के बंटवारे को लेकर अटका हुआ है, क्योंकि उपलब्ध पदों की तुलना में मंत्री पद के दावेदार अधिक हैं। सूत्रों ने कहा कि यह 17 जुलाई से पहले होने की उम्मीद है, जब राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा।
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विभागों के बंटवारे को लेकर लगातार बैठकों का दौरा जारी है। अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी कई बार मिल चुके हैं। वहीं देवेंद्र फडणवीस भी लगातार बैठक कर रहे हैं। अजित पवार ने शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली, यह पद वह 2 जुलाई को फडणवीस के साथ साझा कर रहे हैं। आठ अन्य एनसीपी विधायकों ने भी शिंदे सरकार में शामिल होने के लिए शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के खिलाफ बगावत कर दी थी। हालाँकि, अभी तक उन्हें विभाग आवंटित नहीं किये गये हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार में एनसीपी नेताओं के प्रवेश ने बीजेपी और सेना खेमों में असंतोष को हवा दी है।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार दो दिनों में होगा और बीजेपी और शिवसेना को पांच-पांच कैबिनेट मंत्री पद मिलेंगे। वर्तमान में, राज्य मंत्रिमंडल में 29 मंत्री हैं जिनकी अधिकतम संख्या 43 है। भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा और शिवसेना को आवंटन के बाद चार कैबिनेट स्थान बचेंगे। अब जो भी शामिल किया जाएगा उसे कैबिनेट मंत्री के रूप में लिया जाएगा और कोई राज्य मंत्री नहीं होगा। कैबिनेट विभागों के आवंटन पर गतिरोध मुख्य रूप से बागी एनसीपी नेताओं को पदों के वितरण का परिणाम है। सूत्रों ने बताया कि अजित पवार ने गृह, वित्त, पर्यटन, उत्पाद शुल्क, सामाजिक न्याय और ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख मंत्रालय मांगे हैं।
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शिवसेना-शिंदे के विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि विभागों के बंटवारे पर अभी भी विचार चल रहा है और 1-2 दिनों में कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है। तीनों पार्टियों (बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी) को एक पेज पर आने की जरूरत है. हम मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे हैं और फिर हमें अधिक जानकारी मिल सकती है… अधिकारियों को विभाग तय करने दीजिए। अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अजित पवार को वित्त मंत्रालय मिल सकता है। हालांकि, कहा जा रहा है कि अगर गृह या वित्त मंत्रालय में से कोई भी पवार को जाता हौ तो यह फडणवीस के लिए झटका होगा।