कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को कहा कि जरूरतमंदों के लिए सुविधाओं का उचित आवंटन और योजनाएं तैयार करने के लिए देश में जातिगत जनगणना कराई जानी चाहिए।
जालना में एक कार्यक्रम में पटोले ने दावा किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस-नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) पर व्यापक डेटा तैयार किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, नरेन्द्र मोदी-नीत सरकार ने इस डेटा को कभी सार्वजनिक नहीं किया। देश में जातिगत जनगणना की जानी चाहिए, ताकि जरूरतमंद लोगों को उचित सुविधाएं मिले और उनके लिए योजनाएं बनाई जा सकें।’’
पटोले ने कहा कि यह कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की इच्छा है कि देश में सभी जातियों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें जातिगत जनगणना कराने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ओबीसी और अन्य जरूरतमंद समुदायों को कोई लाभ नहीं देना चाहती है।
कांग्रेस विधायक ने दावा किया, ‘‘न्यायमूर्ति बालकृष्ण रेनके आयोग ने तत्कालीन केंद्र सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी ।
लेकिन मोदी सरकार ने एक उप-समिति नियुक्त की और ओबीसी को कोई भी लाभ प्राप्त करने से वंचित कर दिया।’’
पटोले ने कहा कि जब वह विधानसभा अध्यक्ष थे तो महाराष्ट्र में जातिगत जनगणना कराने का एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह के प्रस्ताव अन्य राज्यों की विधानसभाओं द्वारा भी पारित किए गए।’’
बिहार सरकार जातिगत गणना करा रही है और इस कवायद का पहला चरण 21 जनवरी को पूरा हो गया था।