महाराष्ट्र में पुणे जिले की कसबा और चिंचवड विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान शुक्रवार शाम छह बजे समाप्त हो गया और अब 26 फरवरी को मतदान होगा।
कसबा और चिंचवड विधानसभा सीट पर उप चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप के निधन की वजह से आवश्यक हो गया था।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कसबा से गठबंधन प्रत्याशी हेमंत रासने के पक्ष में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, राज्य सरकार मेंमंत्री चंद्रकांत पाटिल और अन्य नेताओंके साथ ‘रोड शो’ किया।
मुख्यमंत्री ने रासने की जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ रहा है।
उन्होंने चुनाव प्रचार को सांप्रदायिक रंग देने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार की रैली में कांग्रेस पार्षद ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
शिंदे ने कहा, ‘‘हम विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ रहे हैं और हम जीत दर्ज करेंगे। जनता सिर्फ विकास चाहती है और वह इस तरहकी (सांप्रदायिक) बातों को नहीं चाहती।’’
इस बीच, जिला प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा,‘‘ जो नेता बाहर से आए हैं और जो इस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, वे इस क्षेत्र में नहीं रह सकते हैं। उन्हें चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ना होगा।’’
प्रशासन ने चेतावनी दी कि निर्देशों का अनुपालन नहीं करने वालों पर आदर्श आचार संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कसबा में मुख्य मुकाबला रासने और महा विकास आघाडी के प्रत्याशी रवींद्र धांगेकर के बीच है, जबकि चिंचवड में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ गठबंधन के अश्विनी जगताप और विपक्षी प्रत्याशी नाना काटे के बीच है। मतों की गिनती दो मार्च को होगी।