महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे नीत सरकार के भविष्य पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से एक दिन पहले बुधवार को विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) ने कहा कि इससे स्पष्ट हो जाएगा कि देश में लोकतंत्र है या नहीं और क्या न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से निर्णय ले रही है। वहीं, दूसरी ओर शिवसेना प्रवक्ता और पार्टी विधायक संजय शिरसाट ने कहा, ‘‘हमने नतीजे देखे हैं…निर्वाचन आयोग ने हमें पार्टी का नाम और चिह्न दिया तथा हमने इसी के साथ पहला चरण पार कर लिया।’’ पिछले साल जून में शिंदे और 39 विधायकों ने अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिससे पार्टी विभाजित हो गई और राज्य में एमवीए सरकार गिर गई।
बाद मे, शिंदे ने भाजपा के साथ गठजोड़ कर राज्य में सरकार बना ली। शिवसेना नीत एमवीए सरकार में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल थी। राकांपा प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि यह फैसला न्यायपालिका और संविधान के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि फैसला संविधान को मजबूत करेगा। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा कि न्यायालय का फैसला देश का भविष्य निर्धारित करेगा। राउत ने संवाददाताओं से कहा,‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला यह तय करेगा कि देश में लोकतंत्र है या नहीं। क्या विधानमंडल संविधान के अनुसार कामकाम कर रहे हैं, क्या न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से निर्णय कर रही है। मैं आश्वस्त हूं कि उच्चतम न्यायालय स्वतंत्र है।