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मंत्रियों की नियुक्ति के महायुति के तरीके से गठबंधन में आंतरिक कलह का पता चलता है: Raut

मुंबई । शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ ‘महायुति’ सरकार के प्रभारी मंत्री की नियुक्ति का तरीका गठबंधन में आंतरिक कलह का संकेत है। राज्य सरकार ने शनिवार को राज्य के 36 जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की घोषणा की, लेकिन एक दिन बाद नासिक और रायगढ़ के लिए नियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की अदिति तटकरे को रायगढ़ का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया गया था, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता गिरीश महाजन को नासिक की जिम्मेदारी दी गई थी।
राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार अपने अंदरूनी विवादों से निपटने में विफल रही है। (उपमुख्यमंत्री) एकनाथ शिंदे का प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति पर गुस्सा स्पष्ट है।’’ शिवसेना (उबाठा) नेता रायगढ़ और नासिक में प्रभारी मंत्रियों की नियुक्तियों को लेकर एकनाथ शिंदे के असंतोष की खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि राज्य के उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता उदय सामंत को शिंदे की जगह संभावित नेता के रूप में तैयार किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, शिंदे अचानक अपने पैतृक गांव दरेगांव के लिए रवाना हो गए। आधिकारिक तौर पर उन्होंने अपने चार-दिवसीय दौरे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया है
 हालांकि, राजनीतिक अंदरूनी सूत्रों का अनुमान है कि उनका जाना विभागों को लेकर उनके असंतोष से जुड़ा है। राउत ने दावा किया कि बढ़ती कलह सत्ता में बदलाव ला सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि उदय सामंत को शिंदे की जगह संभावित नेता के रूप में तैयार किया जा रहा है। अगर शिंदे अपने मंत्रियों को नियंत्रित नहीं कर सकते, तो वे नेतृत्व कैसे कर सकते हैं?’’ असंतोष की खबरों के बीच, मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और गिरीश महाजन शिंदे से मिलने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए दरेगांव के लिए रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस समय विश्व आर्थिक मंच में हिस्सा लेने के लिए दावोस में हैं।

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