तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बृहस्पतिवार को लोकसभा आचार समिति की आलोचना करते हुए उस पर पैसे के बदले सवाल पूछने से जुड़े कथित मामले की जांच के सिलसिले में पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा से पूछताछ के दौरान अनैतिक और अनुचित तरीके से काम करने का आरोप लगाया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी जोर देकर कहा कि समिति नैतिकता पुलिस के तौर पर काम नहीं कर सकती और वह निजी सवाल नहीं पूछ सकती, जैसा कि मोइत्रा ने आरोप लगाया है।
मोइत्रा के साथ लोकसभा आचार समिति के विपक्षी सदस्यों ने दिन की शुरुआत में एक बैठक से बहिर्गमन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछे।
सोनकर ने बहिर्गमन के बाद भी विचार-विमर्श जारी रखा और विपक्षी सदस्यों पर अनैतिक व्यवहार करने तथा मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों से ध्यान भटकाने के लिए बैठक का बहिष्कार करने का आरोप लगाया।
टीएमसी की वरिष्ठ नेता एवं पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने पीटीआई- से कहा, लोकसभा आचार समिति ने एक महिला सांसद से व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछकर सबसे अनैतिक एवं अनुचित तरीके से काम किया है। उनसे गंदे सवाल पूछे गए और ऐसा लगा कि समिति को उनका अपमान करके खुशी हुई।
पांजा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार नारी शक्ति की बात करती है, लेकिन वे एक महिला का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “यही उनका असल स्वभाव है। भाजपा देश की महिला पहलवानों को परेशान करने के साथ-साथ विपक्षी दलों के सांसदों का अपमान करने के आरोपी नेताओं और सांसदों को बचाने में माहिर है।
पांजा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का जिक्र कर रही थीं।
वहीं, माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, किसी सदस्य के व्यक्तिगत आचरण की जांच करना आचार समिति का अधिकार क्षेत्र नहीं है। वह कोई नैतिकता पुलिस नहीं है।
सलीम ने स्पष्ट किया कि वह मोइत्रा का बचाव नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह नैतिकता पुलिसिंग या किसी सदस्य से व्यक्तिगत सवाल पूछे जाने के खिलाफ हैं।
माकपा नेता ने कहा, आचार समिति या किसी अन्य समिति को यह देखना होगा कि सदन के पटल पर सदस्य का आचरण कैसा है। क्या सदस्य आर्थिक लाभ या व्यक्तिगत फायदा के लिए संसदीय कार्यवाही का दुरुपयोग कर रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा शासन के तहत संसदीय लोकतंत्र को ध्वस्त किया जा रहा है।
मोइत्रा पर एक व्यवसायी के इशारे पर दुबई स्थित एक प्रसिद्ध व्यापारिक परिवार के सदस्य से रिश्वत और लाभ के बदले में अपने संसदीय खाते के माध्यम से सवाल पूछने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, टीएमसी नेता ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है।
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने दावा किया कि टीएमसी असली मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, टीएमसी और महुआ मोइत्रा असली मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की रणनीति का कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा।