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भाजपा का काम है जुमलेबाज़ी, CAA को लेकर फिर बोलीं ममता, बंगाल में डिटेंशन कैंप की इजाजत नहीं देंगे

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नव अधिसूचित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर ताजा हमला करते हुए कहा कि वह ‘असम की तरह बंगाल में भी डिटेंशन कैंप’ नहीं चाहतीं। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि सीएए एनआरसी से संबंधित है, इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं। हम असम की तरह डिटेंशन कैंप नहीं चाहते। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमारा काम है जनता से कहना है। भाजपा का काम है जुमलेबाज़ी है। उन्होंने(बीजेपी) ने कहा कि हमें 400 सीट मिलेंगे। हम ऐसा नहीं कह सकते, हम जनता के ऊपर सब छोड़ते हैं, जनता जिसे वोट देगी हम उसे मानेंगे लेकिन भाजपा जबरदस्ती से चुनाव करेगी तो हम इसे नहीं मानेंगे।

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सीएए पर अपना हमला जारी रखते हुए बनर्जी ने इस कानून को लोकसभा चुनाव से पहले एक ‘राजनीतिक हथकंडा’ करार दिया। कानून के अनुसार, केंद्र अब बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगा। इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं। ममता बनर्जी ने सीएए के दायरे से मुसलमानों को बाहर रखने की आलोचना करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य देश की आबादी के बीच विभाजन पैदा करना है। उन्होंने कहा कि सीएए का उद्देश्य देश के लोगों को विभाजित करना है।

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असम सरकार ने 2009 में न्यायाधिकरणों द्वारा “विदेशी घोषित” लोगों को निर्वासित किए जाने तक हिरासत में रखने के लिए हिरासत केंद्रों को अधिसूचित किया था। ये केंद्र जेलों के अंदर एक अस्थायी उपाय के रूप में बनाए गए थे जब तक कि उन्हें रखने के लिए कोई स्थायी जगह नहीं बन जाती या मिल नहीं जाती। जलपाईगुड़ी में एक कार्यक्रम में बनर्जी ने प्रतिज्ञा करते हुए कहा कि हम जमींदार नहीं हैं, लेकिन सतर्क संरक्षक हैं। पश्चिम बंगाल से किसी को भी बेदखल नहीं किया जाएगा। सभी शरणार्थियों को यहां स्थायी ठिकाना मिलेगा।

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