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ममता ने गंगासागर मेले के राष्ट्रीय दर्जा दिए जाने की मांग की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को मांग की है कि केंद्र राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले में अगले सप्ताह आयोजित होने वाले वार्षिक गंगासागर मेले को राष्ट्रीय दर्जा दे।
बनर्जी ने यह भी कहा कि तीर्थयात्रियों को सागर द्वीप तक आसानी से पहुंचने में मदद करने के लिए मुरी गंगा नदी पर एक पुल बनाने के उनके बार-बार के अनुरोध पर केंद्र ने कोई ध्यान नहीं दिया है। बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार इसके निर्माण के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर रही है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए भारी धनराशि प्रदान कर रही है।

लेकिन वह गंगासागर मेले को कुछ भी उपलब्ध नहीं करा रही है। यही कारण है कि मैं उनसे इसे राष्ट्रीय मेला घोषित करने का अनुरोध करूंगी, ताकि हमें कुछ निधि मिल सके।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब वह केंद्र से यह मांग कर रही हैं।
बनर्जी आठ से 16 जनवरी के बीच होने वाले आगामी गंगासागर मेले की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए बुधवार दोपहर सागर द्वीप पहुंचीं। उन्होंने तीन हेलीपैड का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगासागर “एक अनूठा मेला” है, क्योंकि मेला स्थल सागर द्वीप तक पहुंचने का एकमात्र साधन जलमार्ग को पार करना है।

उन्होंने कहा, “कुंभ मेला हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। लेकिन गंगासागर के लिए लोगों को जलमार्ग लेना पड़ता है, जो बहुत मुश्किल है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने केंद्र सरकार को कई बार पुल बनाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए, हमने इसे अपने दम पर बनाने का फैसला किया। हम इसके लिए एक डीपीआर तैयार कर रहे हैं।”
बनर्जी ने कहा कि परियोजना को पूरा होने में कुछ साल लगेंगे और इसकी लागत 10,000 करोड़ रुपये हो सकती है, लेकिन “हम (केंद्र से) भीख नहीं मांगेंगे”।
‘मकर संक्रांति’ के अवसर पर लाखों हिंदू तीर्थयात्री पवित्र गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों और बाहर से सागर द्वीप में इकट्ठा होते हैं।

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