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निरंकुश ताकतें असहिष्णुता और असंतोष को दबाने पर पनपती हैं: Mamata

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा की और कहा कि ‘‘लोकतंत्र सहिष्णुता में निहित है, लेकिन निरंकुश ताकतें असहिष्णुता और असंतोष को कुचलने पर पनपती हैं।’’
उन्होंने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित प्रदर्शनकारी पहलवानों को तुरंत रिहा करने की मांग की।
बनर्जी ने ट्विटर पर कहा, ‘‘जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य पहलवानों के साथ हाथापाई की, उसकी कड़ी निंदा करती हूं। यह शर्मनाक है कि हमारे चैंपियंस के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र सहिष्णुता में निहित है, लेकिन निरंकुश ताकतें असहिष्णुता और असंतोष को दबाने पर पनपती हैं। मैं मांग करती हूं कि उन्हें पुलिस द्वारा तुरंत रिहा किया जाए। मैं हमारे पहलवानों के साथ खड़ी हूं।’’
उल्लेखनीय है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए हिरासत में ले लिया।
पहलवानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर अज्ञात स्थल पर भेज दिया गया। पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के प्रदर्शन स्थल जंतर-मंतर से उनके चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल आदि सामान को हटा दिया।
देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।

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