पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले उनके भाई और भाभी को पार्टी में शामिल करने के इरादे से धमकाने की कोशिश की थी, लेकिन विफल रही और अब वह उनके परिवार को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी का भय दिखाकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं को ‘‘धमकाने’’ के लिए उन्होंने भाजपा और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे भाई और भाभी को धमकी दी गई और भाजपा में शामिल होने के लिए कहा गया। लेकिन वे दबाव की रणनीति के आगे नहीं झुके।’’
बनर्जी की टिप्पणी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कोलकाता की एक कंपनी के परिसरों से 1.4 करोड़ रुपये नकद जब्त करने की पृष्ठभूमि में आई है और एजेंसी का दावा है कि उसने एक ऐसे व्यक्ति की पहचान की है, जो कथित रूप से कोयले की तस्करी से अर्जित ‘‘एक मंत्री की अवैध नकदी को संभाल रहा था।’’
ईडी ने कहा कि कार्रवाई एक ‘‘विशिष्ट’’ खुफिया जानकारी के आधार पर की गई कि एक ‘‘अत्यधिक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति’’ अपने ‘‘करीबी विश्वासपात्र’’ मनजीत सिंह ग्रेवाल उर्फ जित्ती भाई के माध्यम से कोयले की तस्करी से होने वाली अपराधिक आय को सफेद करने का प्रयास कर रहा है।
तब से अधिकारी बनर्जी के परिवार के सदस्यों के साथ मनजीत की तस्वीरें ट्वीट कर रहे हैं।
टीएमसी प्रमुख ने सोमवार को अधिकारी की मनजीत के साथ तस्वीरें दिखाईं और उनसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
बनर्जी ने कहा, ‘‘भाजपा सोचती है कि वह जो चाहे वो कर सकती है, क्योंकि ईडी और सीबीआई उसके सहयोगी हैं। लेकिन वह नहीं जानती कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर किसी को भी डराया नहीं जा सकता है।