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मुकुल रॉय को विपक्ष का नेता बनाना चाहती थी ममता, शुभेंदु अधिकारी ने किया बड़ा दावा

डेढ़ साल पहले भाजपा से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में वापसी के बाद से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय  कुछ दिनों तक एकदम लो प्रोफाइल में रहे हैं, लेकिन अब फिर से वो एक बार सुर्खियों में आ गए हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि 2021 के राज्य चुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुकुल रॉय को एलओपी बनाना चाहती थीं और यहां तक ​​कि उन्होंने तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ को इस इच्छा से अवगत कराया। रॉय तब भाजपा के साथ थे। लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया।

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हावड़ा जिले के उलुबेरिया में पत्रकारों से बात करते हुए अधिकारी ने कहा कि मैं आपको एक अज्ञात जानकारी देता हूं। तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुझे सूचित किया था कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से दो दिन पहले (लगातार तीसरी बार) ममता बनर्जी ने उनसे 3 मई, 2021 को मुलाकात की थी और कहा था कि उन्हें दिल्ली को एक संदेश देना चाहिए कि मुकुल रॉय को नेता होना चाहिए। विपक्ष का। चूंकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, इसलिए सीएम हमारे प्रति कटु हो गए।

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कभी टीएमसी में नंबर 2 माने जाने वाले और ममता के करीबी माने जाने वाले रॉय 2017 में भाजपा में जाने के बाद बंगाल में भगवा पार्टी के शीर्ष नेता बन गए। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया था। रॉय 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा की बंगाल रणनीति के पीछे एक प्रमुख नेता थे, जिसमें भगवा पार्टी ने राज्य की कुल 42 सीटों में से 18 सीटें जीती थीं। 

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