पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि यदि भर्ती प्रक्रिया में कोई ‘‘गलती’’ हुई है, तो सुधारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए, लेकिन किसी को भी सेवा से बर्खास्त नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें अपने परिवारों का भरण-पोषण करना होता है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में सरकारी और राज्य सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों में अवैध तरीके से नियुक्त हजारों शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की सेवायें समाप्त कर दी।
ममता ने अदालत में ऐसे कई मामलों के लिए लड़ रहे वकील एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सांसद बिकास रंजन भट्टाचार्य पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर मुझसे कोई गलती हुई है तो आप मुझे थप्पड़ मार सकते हैं और मैं बुरा नहीं मानूंगी। मैंने जान बूझकर किसी का बुरा नहीं किया। सत्ता में आने के बाद मैंने माकपा कार्यकर्ताओं की नौकरियां नहीं लीं, लेकिन आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? आपके पास नौकरी देने की औकात नहीं है, लेकिन आप लोगों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं।’’
उन्होंने अदालत से अपने फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ऐसे लोगों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने पर विचार किया जा सकता है।
बनर्जी ने साथ ही कहा कि उनकी सरकार छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार अपने कर्मचारियों को वेतन देती है और केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी की उनकी मांग अनुचित है।