पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य से पुरी आने वाले आगंतुकों के ठहरने के वास्ते ‘बंगाल निवास’ के निर्माण के लिए बुधवार को यहां श्री जगन्नाथ मंदिर के पास एक भूखंड का चयन किया।
पुरी-ब्रह्मागिरि मार्ग पर गिराला में यह जमीन 12वीं सदी के मंदिर से 20 मिनट की दूरी पर है।
उन्होंने कहा कि लाखों बंगाली हर साल पुरी आते हैं और इनमें से कई लोगों को रहने के लिए जगह तलाशने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्य की अतिथि हूं, इसलिए मुझे विशेष सुविधा मिली, लेकिन बंगाल से जो पत्रकार आए थे, उन्हें मंगलवार को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। पुरी में और अधिक होटल एवं रहने के लिए कमरों के इंतजाम करने की आवश्यकता है।’’
भूखंड देखने गईं बनर्जी के साथ ओडिशा के मुख्य सचिव पी. के. जेना, पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा और अन्य अधिकारी मौजूद थे। बनर्जी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के समक्ष जमीन आवंटन का मुद्दा उठाएंगी। बनर्जी बृहस्पतिवार को पटनायक से मिलेंगी।
इस बीच, उन्होंने बुधवार को यहां श्री जगन्नाथ मंदिर में पूजा की और विशाल ध्वज चढ़ाया, जिसे मंदिर के शीर्ष पर लगाया जाता है तथा उन्होंने सभी लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की।
बनर्जी शाम चार बजे मंदिर गईं और वहां भगवान जगन्नाथ, भगवान बलराम एवं देवी सुभद्रा के दर्शन किए।
उनके पुजारी रामकृष्ण दसमोहपात्रा ने कहा, ‘‘उन्होंने ‘भीतर काठा’ के पास अकेले देवी-देवताओं के दर्शन किए। वह भगवान जगन्नाथ की भक्त हैं।’’
उन्होंने बताया कि बनर्जी ने भीतर काठा के पास खड़े होकर ‘आरती’ देखी। वह ‘मुक्ति मंडप’ (धार्मिक पंडितों के बैठने के स्थान) भी गईं और वहां पंडितों का आशीर्वाद लिया।