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ममता ने गंगासागर मेले के लिए केंद्रीय सहायता नहीं मिलने पर दुख जताया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सोमवार को लाखों तीर्थयात्री के शामिल होने वाले वार्षिक गंगासागर मेले के लिए “केंद्रीय सहायता की कमी” पर खेद व्यक्त किया और कहा कि उनकी सरकार अपनी क्षमता के अनुसार खर्च वहन करना जारी रखेगी।
बनर्जी ने कहा कि इस साल 70 लाख तीर्थयात्रियों ने संगम में डुबकी लगाई है। ममता बनर्जी गंगासागर मेले को ‘राष्ट्रीय मेले’ का दर्जा देने की मांग करती रही हैं।

बनर्जी ने यहां कहा, “देशभर से कम से कम 70 लाख लोग इस साल गंगासागर मेला पहुंचे। तीर्थयात्री जलमार्ग से (सागर) द्वीप तक पहुंचे। साल भर में, एक करोड़ लोग गंगासागर आते हैं। यह हमारा दुर्भाग्य है कि केंद्र, भारी भीड़ के बावजूद, इस आयोजन पर एक पैसा भी खर्च नहीं करता है।”
वह यहां मुर्शिदाबाद जिले में प्रशासनिक समीक्षा बैठक में बोल रही थीं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह तीर्थयात्रियों पर कोई कर नहीं लगाएंगी।

बनर्जी ने कहा, “हम जो कुछ भी कर सकते थे, हमने गंगासागर मेले के लिए किया। चिंता करने की कोई बात नहीं है; हम अपनी क्षमता के अनुसार खर्च वहन करेंगे…मैं तीर्थयात्रियों पर कर नहीं लगाऊंगी, लेकिन मैं मेले के लिए धन प्राप्त करने का प्रयास जरूर करूंगी।”
उन्होंने कहा, “आप (केंद्र) सिर्फ धन नहीं देने का फैसला कर सकते हैं और फिर हमें कहीं और से भी धन लेने से नहीं रोक सकते हैं।’’

बनर्जी ने इस महीने की शुरुआत में आरोप लगाया था कि अनुरोध के बावजूद, केंद्र सरकार ने तीर्थयात्रियों को बिना किसी परेशानी के द्वीप तक पहुंचने के लिए मुरी गंगा नदी पर एक पुल बनाने में राज्य की मदद करने के लिए कोई उपाय नहीं किया।
उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान कहा था, “केंद्र सरकार कुंभ मेले के लिए बड़ी धनराशि देती है। पूरा खर्च वहन करती है, लेकिन बंगाल को गंगासागर मेले के लिए कुछ नहीं मिलता है। मैं केंद्र से फिर से इस आयोजन को ‘राष्ट्रीय मेला’ घोषित करने का अनुरोध करूंगी।

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