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मणिपुर के मंत्री ने विधानसभा में विपक्ष के बर्ताव की आलोचना की, कांग्रेस ने किया पलटवार

मणिपुर के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री गोविंददास कोंथौजम ने मंगलवार को कहा कि विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस का ‘असंवैधानिक और अशोभनीय व्यवहार’ बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में प्रवेश किया तो विपक्ष ने हंगामा किया और विपक्षी सदस्यों ने शोक संदेश पढ़े जाने के दौरान लगातार व्यवधान डाला।
सत्र शुरू होने के एक घंटे के अंदर ही, कांग्रेस विधायकों द्वारा इसकी अवधि बढ़ा कर पांच दिन किये जाने की मांग करते हुए हंगामा करने के बाद विधानसभा की बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
मंत्री ने कहा,‘‘राज्य के लोगों को जानना चाहिए कि कांग्रेस ने सदन में काफी व्यवधान डाला।’’
शिक्षा एवं कानून मंत्री टी बसंत ने कहा, ‘‘यहां तक कि जब अध्यक्ष थौकचोम सत्यव्रत सिंह ने कुछ कहना चाहा, तब कांग्रेस सदस्यों ने शोरगुल करना शुरू कर दिया और सदन की कार्यवाही बाधित की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष के पास सदन को करीब आधे घंटे के लिए स्थगित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। सत्र दोबारा शुरू होने पर विपक्षी नेताओं ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा और सदन की कार्यवाही नहीं होने दी।’’
इस बीच, मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सत्र भारत के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन है।
कांग्रेस नेता ओ इबोबी सिंह ने कहा, ‘‘विधानसभा का सत्र सिर्फ संवैधानिक संकट को टालने के लिए बुलाया गया था, ना कि जनता के हित के लिए।

सदस्यों को सवाल पूछने से वंचित किया जा रहा है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हम सदन में चिल्लाना नहीं चाहते, लेकिन सरकार के तानाशाह रवैये के खिलाफ हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। कानून का शासन नहीं है बल्कि तानाशाही है, यही कारण है कि हम इसकी निंदा करते हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘हमने पांच दिवसीय सत्र के लिए अनुरोध किया, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई। हमने जन हित में राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई। शोक संदेश के बाद सत्र स्थगित कर दिया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
सभी 10 कुकी विधायक सदन से अनुपस्थित थे।

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